अपूर्वाई कोंदणात
तुझ्या माझ्या प्रितीत
चांदण....लख्ख प्रकाश|
सांज रंगी उधळतात
आठवणी मोती झेलत
निशब्द....मंद श्वास|
शोधे जादूई तळ्यात
मासोळी नयनांत
पाणकळा...तुझं आकाश|
मोरपंखात निथळत
कृष्ण मुरली सुरांत
राधा...एक भास|
-भक्ती
(हायकू लिहिण्याचा एक प्रयत्न)
प्रतिक्रिया
28 Mar 2022 - 7:33 am | सरिता बांदेकर
छान लिहीलं आहे
28 Mar 2022 - 9:16 am | तुषार काळभोर
तुमच्या लेखनातून कृष्ण येतो बर्याचदा.
28 Mar 2022 - 12:21 pm | Bhakti
सरिता ताई, तुषार भाऊ धन्यवाद!
13 Jun 2022 - 12:19 pm | कुमार१
चांगली आहे.
14 Jun 2022 - 6:42 am | कर्नलतपस्वी
राधा एक भास है
भक्ती का श्वास है
मुरली के सुर है
तभी तो कृष्ण का अहसास है
छान