पैंजणे

सटक's picture
सटक in जे न देखे रवी...
26 Jun 2015 - 11:20 am

कुंद काळ्या रात्रीला, वेढून येशी साजणे
वीज या उमटे जिव्हारी झळकता ती पैंजणे !

उसळता बेभान वारा, क्शणिक सोडे तंडणे
प्राण कानी होत गोळा छनकता ती पैंजणे !

आज सजणा धुंद झाला, तू जुईचे लाजणे
थिरकला गात्री प्रणय हा विखुरता ती पैंजणे !

पुसुन नेले पावसाने, नाही..नाही.. सांगणे
एक श्वासी लक्श कंठी गात आता पैंजणे !

शृंगारकविता

प्रतिक्रिया

एक एकटा एकटाच's picture

26 Jun 2015 - 12:35 pm | एक एकटा एकटाच

मस्त

सटक's picture

26 Jun 2015 - 7:19 pm | सटक

धन्यवाद !

पैसा's picture

27 Jun 2015 - 3:32 pm | पैसा

छान!

सटक's picture

27 Jun 2015 - 10:07 pm | सटक

धन्यवाद !

अत्रुप्त आत्मा's picture

27 Jun 2015 - 10:22 pm | अत्रुप्त आत्मा

दर प्रती सादा लागी नाही धन्यवाद म्हणणे!
दहा प्रतिसाद होता तोवरी थांबणे थांबणे!!!

सटक's picture

27 Jun 2015 - 10:38 pm | सटक

धन्यवादा एक कारण, वरती धागा आणणे !
सूज्ञ तुम्ही येथले बहु, बाकी न लगे सांगणे !!

अत्रुप्त आत्मा's picture

27 Jun 2015 - 11:09 pm | अत्रुप्त आत्मा

आवडते का तुम्हासहि, नवनीत चीप होणे
न व्हावे इतुकिच इच्छा, बाकी तुमचे तुम्ही जाणणे! ;-)

सटक's picture

27 Jun 2015 - 11:41 pm | सटक

येथ आहे नवीन मी, अन अधिक ह्वे ते वाचणे !
चार गोष्टी अधिक कळता, होइल नूतन जाणणे !!
आपणासी अगर ठावे, मार्ग नूतन जोखणे !
सांगता मज निश्चयाने, त्याच पंथी चालणे !!

जे मी लिहितो आहे त्याचे बरे-वाईट परिक्शण व्हावे ही इच्छा!

मदनबाण's picture

28 Jun 2015 - 10:10 am | मदनबाण

छान...

मदनबाण.....
आजची स्वाक्षरी :- दिल पे मत ले यार... ;) :- Dil Pe Mat Le Yaar