माझ्या प्रतिक्रिया
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प्रकार | लेख | माझी प्रतिक्रिया | एकुण प्रतिक्रिया | नवीन प्रतिसाद |
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काथ्याकूट | १६००० | आज आम्ही | 46 | |
जनातलं, मनातलं | रेखाटन - १ | ॐकार | 43 | |
जे न देखे रवी... | मजला बघ प्रीत तुझी कळली | "छळती तुज | 1 | |
काथ्याकूट | हस्ताक्षरावरून स्वभाव! :) | सही | 70 | |
जनातलं, मनातलं | रेखाटन - १ | तळमजला का हो? | 43 | |
काथ्याकूट | १६००० | सगळे काढून घे.. | 46 | |
काथ्याकूट | शंकराचार्य नामक तळपत्या सूर्यासमोर माझे काजवे चमकवणे | तथास्तु | 74 | |
जे न देखे रवी... | घर | अजीबात कळले नाही | 19 | |
जे न देखे रवी... | घर | विचारशील | 19 | |
काथ्याकूट | शंकराचार्य नामक तळपत्या सूर्यासमोर माझे काजवे चमकवणे | म्हणजे | 74 |
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