क्षण...

राघव's picture
राघव in जे न देखे रवी...
5 Aug 2016 - 11:09 pm

क्षण कोवळ्या उन्हाचा लेवून नीळकंठी..
अवकाश व्यापणारी दृष्टी कुठून येते?

जन्मांत गांठ जुळण्या क्षणमात्रही पुरेसा..
मग रुक्ष भावनांची गर्दी कुठून येते?

स्वप्नांस जागवी जो.. क्षण तोच अंतरंगी
निमिषात सर्वव्यापी ऊर्मी कुठून येते?

अवशेष संस्कृतीचे दिसतात जागजागी..
क्षणात शेवटाची प्रगती कुठून येते?

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एका क्षणात सारे लाघव्य संपलेले..
शब्दांस धार माझ्या इतकी कुठून येते?

राघव

कविता

प्रतिक्रिया

रातराणी's picture

5 Aug 2016 - 11:12 pm | रातराणी

व्वा क्या बात!

यशोधरा's picture

6 Aug 2016 - 3:41 pm | यशोधरा

क्या बात! सुर्रेख!

प्रचेतस's picture

6 Aug 2016 - 3:46 pm | प्रचेतस

सुंदर

पैसा's picture

6 Aug 2016 - 5:16 pm | पैसा

सुरेख!

Bhagyashri satish vasane's picture

6 Aug 2016 - 6:35 pm | Bhagyashri sati...

छान

चांदणे संदीप's picture

6 Aug 2016 - 7:06 pm | चांदणे संदीप

मस्तच! आवडली कविता!

Sandy

प्रतिसादांबद्दल सगळ्यांचे आभार!:)

संपादक, कृपया शेवटून दुसर्‍या कडव्यात झालेला टायपो दुरुस्त करावा ही विनंती.

अत्रुप्त आत्मा's picture

7 Aug 2016 - 5:41 am | अत्रुप्त आत्मा

व्वॉव!

ज्योति अळवणी's picture

7 Aug 2016 - 10:59 pm | ज्योति अळवणी

छान आहे