एक दो तिन चार पाच चे सात आठ नवं दस ग्यारा बारा तेरा तेरा करु दिन गिन गिन के इंतजार आजा सनम आइ बहार.
पुढिल अक्षर "र"
अवांतरः- माम्लेदार साहेब विद ऑल रिस्पेक्ट प्रश्न आहे नॉल्स्टेल्जीक झालात की नुकतच वयात आलात ? कसयं भेंड्या प्रकार नुसतं बोट जरी स्पर्श झालं तरी प्रचंड गुदुगुल्या होतात अशा वयात फार रोचक असतात नाही तर गेलेला काळ आठवताना आनंद देतात. आपले प्रयोजन कोणते ? वरील सोडून आणखी कोणते कारण असेल तरीही चालेल. जाणून घ्यायला आवडेल.
ईचक दाना बीचक दाना
दाने ऊपर दाना
ईचक दाना
छज्जे ऊपर लड़की नाचे
लड़का है दीवाना
ईचक दाना
बोलो क्या?
अनार
ईचक...
छोटी सी छोकरी, लालबाई नाम है
पहने वो घाघरा, एक पैसा दाम है
मुँह में सबके आग लगाये आता है रुलाना
ईचक दाना
बोलो क्या?
मिर्ची !!
हरी थी मन भरी थी, लाख मोती जड़ी थी
राजा जी के बाग़ में दुशाला ओढ़े खड़ी थी
कच्चे-पक्के बाल हैं उसके मुखड़ा है सुहाना
ईचक दाना...
बोलो क्या? बोलो बोलो
बुड्ढी !!
भुट्टा !!
एक जानवर ऐसा जिसके दुम पर पैसा
सर पे है ताज भी बादशाह के जैसा
बादल देखे छम-छम नाचे अलबेला मस्ताना
ईचक दाना
बोलो क्या? बोलो ना
मोर !!
चालें वो चलकर दिल में समाया
आ ही गया वो, किया है सफ़ाया
तुम भी देखो बचकर रहना चक्कर में न आना
ईचक दाना...
बोलो क्या?
ग़म?
हम!
गर खुदा मुझ से कहे, कुछ मांग ऐ बन्दे मेरे
मैं ये माँगू महफिलों के दौर यूँ चलते रहे
हमप्याला, हमनिवाला, हमसफ़र, हमराज हो
ता क़यामत जो चिरागों की तरह जलते रहे
यारी है ईमान मेरा, यार मेरी जिन्दगी
प्यार हो बन्दों से ये सब से बड़ी है बंदगी
साज-ए-दिल छेड़ो जहाँ में, प्यार की गूंजे सदा
जिन दिलों में प्यार हैं, उन पे बहारें हो फ़िदा
प्यार लेके नूर आया, प्यार लेके ताजगी
जान भी जाए अगर यारी में यारो ग़म नहीं
अपने होते यार हो ग़मग़ीन मतलब हम नहीं
हम जहाँ है उस जगह झूमेगी नाचेगी खुशी
गुल-ए-गुलज़ार क्यों बेजार नजर आता है
चश्म-ए-बद का शिकार यार नजर आता है
छूपा ना हमसे ज़रा हाल-ए-दिल सूना दे तू
तेरी हँसी की कीमत क्या है, ये बता दे तू
कहे तो आसमान से चाँद तारें ले आऊँ
हसीन, जवान और दिलकश नज़ारे ले आऊँ
तेरा ममनून हूँ तूने निभाया याराना
तेरी हँसी है आज सब से बड़ा नजराना
यार के हँसते ही, महफ़िल पे जवानी आ गई
या भवनातील गीत पुराणे ,
मवाळ हळवे सुर जाउ दया , आज येथुनी दूर .
भाव भक्तीची भाऊक गाथा
पराभुत हो , नमविल माथा
नवे सुर अनं नवे तराणे
हवा नवा तो नुर , जाउ दया , आज जुने ते दूर .
या भवनातील गीत पुराणे .
तमा तमा लोगे
तू प्रेमी आहा मैं प्रेमी आहा
तू रानी आहा मैं राजा आहा
फिर क्या daddyक्या अम्मा
इक बस तू ही प्यार के काबिल सारा जहां है निकम्मा
तमा तमा लोगे तमा
संपादक महोदय
हे डबल डबल का येत माहीत नाही कुठे चुक होते कळत नाही कृपया या विनंती प्रतिसादा सहीत सर्व डबल
आलेले प्रतिसाद काढुन टाका याने रसभंग होतो साखळी तुटतेय
प्रतिक्रिया
13 Sep 2015 - 4:11 pm | एक एकटा एकटाच
गाता रहे मेरा दिल
तुही मेरी मंजिल
कही बीते ना ये राते
कही बीते ना ये दिन
गाता रहे मेरा दिल
पुढिल अक्षर "ल"
13 Sep 2015 - 4:27 pm | ज्ञानोबाचे पैजार
लकडी की काठी काठी पे घोडा
घोडे के दुम पर मारा हातोडा
दौडा दौडा दौडा घोडा दुम उठा के दौडा
पुढिल अक्षर ड
पैजारबुवा,
13 Sep 2015 - 4:51 pm | हेमंत लाटकर
डमडम डिगा डिगा
मौसम भिगा भिगा
यै अल्ला सुरत आपकी
सुभानअल्ला
पुढचे अक्षर ल
13 Sep 2015 - 4:53 pm | एक एकटा एकटाच
लाल छड़ी मैदान खड़ी
क्या खूब लड़ी
क्या खूब
लडी
हम दिल से गए.....हाए
हम जा से गए......हाए
बस आख लड़ी
और बात बढी
लाल छड़ी
मैदान खडी
पुढिल अक्षर "ड"
13 Sep 2015 - 5:01 pm | प्रा.डॉ.दिलीप बिरुटे
जिसके सपने हमे रोज आते रहे,
दिल लुभाते रहे, ये बतादो, बतादो
कही तुम वही तो नही. वही तो नही.
जिसके रोज रोज हम गीत गाते रहे,
गुणगुणाते रहे, ये बतादो बतादो
कही तुम वही तो नही, वही तो नही.
ह घे भो.
-दिलीप बिरुटे
13 Sep 2015 - 5:14 pm | एक एकटा एकटाच
ही चिटिंग आहे.....
ह्यांच्यावर सात राज्य.........
ह. घ्या
:-)
13 Sep 2015 - 5:17 pm | एक एकटा एकटाच
हवा हवा
इ हवा
खुशबू लुटादे
कहा खुली
हां खुली
जुल्फे बता दे
अब उसका पता दे
ज़रा हम को बता दे....
मै उससे मिलुंगा
एकबार मिला दे
यार मिला दे
दिलदार मिला दे
पुढिल अक्षर "द"
13 Sep 2015 - 5:25 pm | बोका-ए-आझम
दिलमे जगाया आपने
पहले तो मै शायर था
आशिक बनाया आपने!
पुढचं अक्षर न
13 Sep 2015 - 5:32 pm | द-बाहुबली
करता नहि कोइ मुझे सलाम.. लेता नही कोइ.. मेरा नाम... मै हु वो जिरो.. हा हा :D ZERO...
दस को मै दस लाख करके दिखादुं.. दस लाख को हां करके दिखादु दिखादु.. मै हुं वो झिरो आ आ आ झीरोव.. बोलोजी हिरो...
पुढील अक्षर "फ"
13 Sep 2015 - 5:42 pm | प्रा.डॉ.दिलीप बिरुटे
फुल तुम्हे भेजा है ख़त में फुल नहीं मेरा दिल है
प्रियतम मेरे मुझको लिखना क्या ये तुम्हारे काबील है
ह घ्या.
13 Sep 2015 - 6:08 pm | पद्मावति
हमें तुम से प्यार कितना, ये हम नहीं जानते
मगर जी नहीं सकते, तुम्हारे बिना
पुढील शब्द---न
13 Sep 2015 - 7:17 pm | एक एकटा एकटाच
निले निले अंबर पर
चांद जब आए
प्यार बरसाए
हमको तरसाए
तो ऐसा कोई साथी हो......
ऐसा कोई प्रेमी हो......
प्यास दिल की बुझा जाए
पुढिल अक्षर "ए"
13 Sep 2015 - 7:27 pm | द-बाहुबली
एक दो तिन चार पाच चे सात आठ नवं दस ग्यारा बारा तेरा तेरा करु दिन गिन गिन के इंतजार आजा सनम आइ बहार.
पुढिल अक्षर "र"
अवांतरः- माम्लेदार साहेब विद ऑल रिस्पेक्ट प्रश्न आहे नॉल्स्टेल्जीक झालात की नुकतच वयात आलात ? कसयं भेंड्या प्रकार नुसतं बोट जरी स्पर्श झालं तरी प्रचंड गुदुगुल्या होतात अशा वयात फार रोचक असतात नाही तर गेलेला काळ आठवताना आनंद देतात. आपले प्रयोजन कोणते ? वरील सोडून आणखी कोणते कारण असेल तरीही चालेल. जाणून घ्यायला आवडेल.
13 Sep 2015 - 8:44 pm | माम्लेदारचा पन्खा
म्हणजे काही वय झालं नाहीये हो.....पण जुन्या आठवणी काही वेगळ्याच...
बर्याच वर्षात मैफिलीचा योग काही आलेला नाही..... जुनी गाणी विशेष प्रिय.... हल्लीची निवडकच... म्हणून इथेच सुरू केली मैफल....!!
13 Sep 2015 - 11:55 pm | माम्लेदारचा पन्खा
लई झ्याक.....ह्या निमित्ताने पुनः प्रत्ययाचा आनंद मिळतोय...
13 Sep 2015 - 7:43 pm | एक एकटा एकटाच
रूप तेरा मस्ताना
प्यार मेरा दीवाना
भूल कोई हमसे ना हो जाए
पुढिल अक्षर
"ए"
13 Sep 2015 - 7:47 pm | काळा पहाड
Ring-a-ring o' roses,
A pocket full of posies,
A-tishoo! A-tishoo!
We all fall down.
न.
13 Sep 2015 - 7:59 pm | द-बाहुबली
नो नो, नो नो . नोन्नो, नोन्नो नो नो नो नो..... देर इज नो लिमीट!
नो न्नो लिमीट वी रिच फॉर द स्काय
नो वॅली टु डिप नो माउंटन टु हाय
नोनो लिमीट्स वोन्ट गिवप दफाय्ट
वि डु व्हाट वि वांट अनं वि डु इट विद प्राइड
पुढील अक्षर न.
13 Sep 2015 - 8:05 pm | बोका-ए-आझम
चेहरा ये बदल जायेगा
मेरी आवाजही पहचान है
गर याद रहे!
पुढचं अक्षर ह.
13 Sep 2015 - 8:58 pm | रातराणी
हम तो है परदेसमे देस मे निकला होगा चाँद,
अपनी रातकी छत पर कितना तनहा होगा चाँद
13 Sep 2015 - 9:10 pm | एक एकटा एकटाच
दिल तो है दिल
दिल का ऐतबार क्या चीज
है
आगया जो
किसी पे प्यार
क्या किजीए
अक्षर "ए"
13 Sep 2015 - 9:27 pm | रातराणी
ए अजनबी तू भी कभी आवाज दे कहीँसे
मैं यहाँ टुकड़ों मे जी रहा हूँ तू कहीं टुकड़ों मे जी रहीं हैं
13 Sep 2015 - 9:45 pm | एक एकटा एकटाच
वाह!!!!!!
हे आपलं फेवरेट सॉंग आहे.
13 Sep 2015 - 9:48 pm | प्यारे१
>>>> आपलं
आयडी नाव- एक एकटा एकटाच
मजा आहे. बाकी हे 'आपलं' पण आवडतं गाणं आहे. ;)
13 Sep 2015 - 9:57 pm | एक एकटा एकटाच
आत्ताच
ज्योती अलवनि ह्यांचा सिझोफ्रेनिया वरची मस्त कथा वाचली
त्याच्याच परिणाम झाला वाटते.
13 Sep 2015 - 9:47 pm | एक एकटा एकटाच
हमने तुमको देखा
तुमने हमको देखा ऐसे......
हम तुम सनम
सातों जनम
मिलते रहे हो जैसे.....
13 Sep 2015 - 9:53 pm | रातराणी
साथीया तूने क्या किया
बेलीया तूने क्या किया
मैने किया तेरा इंतजार
इतना करो ना मुझसे प्यार
दोनच गडी राहिलेत काय. बाकीची बस झोपली का काय!
13 Sep 2015 - 9:59 pm | एक एकटा एकटाच
बहुतेक बाकीचे सगळे
श्रावण एन्डिग सेलिब्रेट करताहेत
ह.घ्या
13 Sep 2015 - 10:01 pm | एक एकटा एकटाच
रातकली एक ख्वाब में आई
और गले का हार हुई
सुबह को जब हम निंद से जागे
आख उन्ही से चार हुई
13 Sep 2015 - 10:11 pm | प्रा.डॉ.दिलीप बिरुटे
अंताक्षरी असेल आणि हे रात कली वालं गाणं नसेल ऐसा होई नै सकता. :)
-दिलीप बिरुटे
13 Sep 2015 - 10:19 pm | अभ्या..
इक बंजारा ग्गाये जीवनके गीत सुनाये
हम सब जीनेवालोको जीनेकी राह बताये
13 Sep 2015 - 10:18 pm | रातराणी
इशारो इशारोमे दिल लेनेवाले बता एस हुनर तूने सीखा कहाँसे
निगाहों निगाहोँमे जादू चलाना मेरी जान सीखा है तुमने जहाँसे
13 Sep 2015 - 10:21 pm | एक एकटा एकटाच
समा है सुहाना .....सुहाना
नशे में जहा है
किसीको किसीकी खबर ही कहा है
ज़रा हमको देखो
मोहोब्बत जवा है......
13 Sep 2015 - 10:26 pm | रातराणी
है अपना दिल तो आवारा
न जाने किसपे आयेगा
आता मी बास. आता उद्या.
13 Sep 2015 - 10:28 pm | हेमंत लाटकर
हाल कैसा जनाब का
तु तो मचल गये हो हो
13 Sep 2015 - 10:30 pm | एक एकटा एकटाच
गीत गाता हु मै
गुनगुनाता हु मै
मैंने हसने का वादा किया था कभी
इसलिए अब सदा मुस्कुराता हु मै......
13 Sep 2015 - 11:19 pm | बोका-ए-आझम
के देखा है कही
मेरे यार सा हसीं
चांद ने कहा चांदनी की कसम
नही नही नही
मैने पूछा चांद से!
पुढचं अक्षर स.
13 Sep 2015 - 11:36 pm | काळा पहाड
सरकाईलो खटिया जाडा लगे
सरकाईलो खटिया जाडा लगे
सरकाईलो खटिया जाडा लगे
जाडे मे बलमा प्यारा लगे
सरकाईलो खटिया जाडा लगे
सरकाईलो खटिया जाडा लगे
ग.
13 Sep 2015 - 11:39 pm | माम्लेदारचा पन्खा
दिल सुबह - ओ - शाम....
पर तुम्हे लिख नही पाऊ
मै उसका नाम....हाये राम....
13 Sep 2015 - 11:45 pm | एक एकटा एकटाच
मै शायर तो नही
मगर ए हसी......
जब से देखा
मैंने तुझको मुझको
शायरी आ गई
13 Sep 2015 - 11:51 pm | मारवा
ईचक दाना बीचक दाना
दाने ऊपर दाना
ईचक दाना
छज्जे ऊपर लड़की नाचे
लड़का है दीवाना
ईचक दाना
बोलो क्या?
अनार
ईचक...
छोटी सी छोकरी, लालबाई नाम है
पहने वो घाघरा, एक पैसा दाम है
मुँह में सबके आग लगाये आता है रुलाना
ईचक दाना
बोलो क्या?
मिर्ची !!
हरी थी मन भरी थी, लाख मोती जड़ी थी
राजा जी के बाग़ में दुशाला ओढ़े खड़ी थी
कच्चे-पक्के बाल हैं उसके मुखड़ा है सुहाना
ईचक दाना...
बोलो क्या? बोलो बोलो
बुड्ढी !!
भुट्टा !!
एक जानवर ऐसा जिसके दुम पर पैसा
सर पे है ताज भी बादशाह के जैसा
बादल देखे छम-छम नाचे अलबेला मस्ताना
ईचक दाना
बोलो क्या? बोलो ना
मोर !!
चालें वो चलकर दिल में समाया
आ ही गया वो, किया है सफ़ाया
तुम भी देखो बचकर रहना चक्कर में न आना
ईचक दाना...
बोलो क्या?
ग़म?
हम!
पुढे घ्या म
13 Sep 2015 - 11:53 pm | एक एकटा एकटाच
मस्त
13 Sep 2015 - 11:57 pm | काळा पहाड
मै लड्की पो पो पो तु लडका पो पो पो
हम दोनो मिले पो पो पो अब आगे होग क्या
कुछ नहि होगा कुछ नही होगा
हम दोनो मे बस ये होगा
पो पो पा पो पो पा पो पो पा पो पो पा पो पो पा पो पो पा पो पो पा
14 Sep 2015 - 12:02 am | एक एकटा एकटाच
पि पि पि पी पीया
जी जी जी जी जिया
पीया तूने मेरा जिया ले लिया
14 Sep 2015 - 12:05 am | मारवा
गर खुदा मुझ से कहे, कुछ मांग ऐ बन्दे मेरे
मैं ये माँगू महफिलों के दौर यूँ चलते रहे
हमप्याला, हमनिवाला, हमसफ़र, हमराज हो
ता क़यामत जो चिरागों की तरह जलते रहे
यारी है ईमान मेरा, यार मेरी जिन्दगी
प्यार हो बन्दों से ये सब से बड़ी है बंदगी
साज-ए-दिल छेड़ो जहाँ में, प्यार की गूंजे सदा
जिन दिलों में प्यार हैं, उन पे बहारें हो फ़िदा
प्यार लेके नूर आया, प्यार लेके ताजगी
जान भी जाए अगर यारी में यारो ग़म नहीं
अपने होते यार हो ग़मग़ीन मतलब हम नहीं
हम जहाँ है उस जगह झूमेगी नाचेगी खुशी
गुल-ए-गुलज़ार क्यों बेजार नजर आता है
चश्म-ए-बद का शिकार यार नजर आता है
छूपा ना हमसे ज़रा हाल-ए-दिल सूना दे तू
तेरी हँसी की कीमत क्या है, ये बता दे तू
कहे तो आसमान से चाँद तारें ले आऊँ
हसीन, जवान और दिलकश नज़ारे ले आऊँ
तेरा ममनून हूँ तूने निभाया याराना
तेरी हँसी है आज सब से बड़ा नजराना
यार के हँसते ही, महफ़िल पे जवानी आ गई
ह घ्या परत ई
14 Sep 2015 - 12:08 am | मारवा
पाच सहा
अरे कीती पर्यंत मोजु ?
14 Sep 2015 - 12:11 am | माम्लेदारचा पन्खा
जरा बैजवार सांगा की...
14 Sep 2015 - 12:22 am | ऋतुराज चित्रे
इमलि क बूटा
बेरि का पेड
इमलि खट्टि
मिठे बेर
इस जंगल मे हम दो शेर
चल घर जल्दी
हो गयी देर
घ्या र
14 Sep 2015 - 12:28 am | पद्मावति
राम करे ऐसा हो जाए
मेरी निंदिया तोहे मिल जाए
मैं जागूँ, तू सो जाए
पुढील अक्षर ए.
14 Sep 2015 - 1:00 am | प्यारे१
ए काय बोलते तू?
ए काय मी बोलू
ऐक
ऐकव
.
.
.
.
येतीस का खंडाळ्याला
.
.
.
.
आणखी काय?
य
14 Sep 2015 - 7:29 am | एक एकटा एकटाच
यम्मा यम्मा
यम्मा यम्मा
है खुबसूरत समा
बस आज की रात है जिंदगी
कल हम कहा
तुम कहा
14 Sep 2015 - 7:54 am | हेमंत लाटकर
हम तुम एक कमरे मे
बंद हो और चाबी खो जाये
14 Sep 2015 - 8:12 am | एक एकटा एकटाच
ये जो मोहब्बत है
ये उनका है काम
मेहबूब का जो
बस लेते हुए नाम
मर जाए
मिट जाए
हो जाए
बदनाम
रहेने दो
छोडो
अब जाने दो यार
हम ना करेंगे प्यार.........
14 Sep 2015 - 8:15 am | सिरुसेरि
या भवनातील गीत पुराणे ,
मवाळ हळवे सुर जाउ दया , आज येथुनी दूर .
भाव भक्तीची भाऊक गाथा
पराभुत हो , नमविल माथा
नवे सुर अनं नवे तराणे
हवा नवा तो नुर , जाउ दया , आज जुने ते दूर .
या भवनातील गीत पुराणे .
14 Sep 2015 - 8:35 am | प्रा.डॉ.दिलीप बिरुटे
य वरुन तुमचा माझा प्रतिसाद लिही पर्यन्त दोन प्रतिसाद पडले होते. मराठी अंताक्षरीसाठी इथे http://www.misalpav.com/node/31 प्रतिसाद लिहा.
-दिलीप बिरुटे
14 Sep 2015 - 8:24 am | प्रा.डॉ.दिलीप बिरुटे
याद तेरी आयगी मुझको बड़ा सतायेगी
फिर ये झूटी तेरी मेरी जान लेके जायेगी
-दिलीप बिरुटे
14 Sep 2015 - 8:56 am | सिरुसेरि
हा हिन्दी , ईंग्लिश गाण्यांच्या अंताक्षरीचा धागा दिसतो आहे . मराठी अंताक्षरीसाठीच्या धाग्याची लिंक दिल्याबद्दल धन्यवाद .
14 Sep 2015 - 8:57 am | बोका-ए-आझम
अपनोंपे सितम
ऐ जाने वफा ये जुल्म ना कर
रहने दे अभी थोडासा भरम
ऐ जाने वफा ये जुल्म ना कर ये जुल्म ना कर!
पुढचं अक्षर र
14 Sep 2015 - 9:05 am | ज्ञानोबाचे पैजार
ग़म का फ़साना बन गया अच्छा
एक बहाना बन गया अच्छा
सरकार ने आके मेरा हाल तो पूछा
ग़म का...
तुम्हारे ख़यालों में खो जायें
ये जी चाहता है की सो जायें
देखो बातों-बातों में चाँदनी रातों में
ख़्वाब सुहाना बन गया अच्छा...
बतायें तुम्हें क्या कहाँ दर्द है
यहाँ हाथ रखना यहाँ दर्द है
देखो बातों बातों में दो ही मुलाकातों में
दिल ये निशाना बन गया अच्छा...
मुहब्बत की रंगीन महफ़िल में
जगह मिल गई आपके दिल में
देखो बातों-बातों में प्यार की बरातों में
अपना ठिकाना बन गया अच्छा...
पुढील अक्षर - छ
पैजारबुवा,
14 Sep 2015 - 9:10 am | ज्ञानोबाचे पैजार
जाउदे हे घ्या रा वरुन
रात और दिन दिया जले
मेरे मन में फिर भी अंधियारा है
जाने कहाँ है वो साथी
तू जो मिले जीवन उजियारा है
रात और दिन...
पुढील अक्षर न
14 Sep 2015 - 9:13 am | अविनाश पांढरकर
छन से जो तुटे कोई सपना
जग सुना सुना लागे
जग सुना सुना लागे
कोई रहे ना जब अपना
पुढील अक्षर - न
14 Sep 2015 - 9:23 am | ऋतुराज चित्रे
नदिया से दरिया,
दरिया से सागर,
सागर से गहरा जाम
जाम में डूब गयी यारों मेरे जीवन की हर शाम
म
14 Sep 2015 - 9:25 am | एक एकटा एकटाच
मेरे सपनों को रानी जब आएगी तू
आई रुत मस्तानी कब आएगी तू
14 Sep 2015 - 9:31 am | ज्ञानोबाचे पैजार
तमा तमा लोगे
तू प्रेमी आहा मैं प्रेमी आहा
तू रानी आहा मैं राजा आहा
फिर क्या daddyक्या अम्मा
इक बस तू ही प्यार के काबिल सारा जहां है निकम्मा
तमा तमा लोगे तमा
पुढचे अक्षर "त"
पैजारबुवा,
14 Sep 2015 - 9:33 am | एक एकटा एकटाच
तुझे देखा तो ये जाना सनम
प्यार होता है दीवाना सनम
14 Sep 2015 - 9:36 am | हेमंत लाटकर
तुम तो ठहरे परदेशी
साथ क्या निभावोगे
14 Sep 2015 - 9:38 am | नीलमोहर
माही वे,
मोहब्बतां सच्चियां वे
मंगदा नसीबां कुछ और है..
14 Sep 2015 - 10:24 am | मारवा
हैं सबसे मधुर वो गीत जिन्हें, हम दर्द के सुर में गाते हैं
जब हद से गुज़र जाती है खुशी, आँसू भी छलकते आते हैं
काँटों में खिले हैं फूल हमारे, रंग भरे अरमानों के
नादान हैं, जो इन काँटों से दामन को बचाये जाते हैं
जब ग़म का अन्धेरा घिर आये, समझो के सवेरा दूर नहीं
हर रात का हैं पैगाम यहीं, तारे भी यहीं दोहराते हैं
पहलू में पराये दर्द बसाके, तू हँसना हँसाना सीख ज़रा
तूफ़ान से कह दे घिर के उठे, हम प्यार के दीप जलाते हैं
काहीही हं
ह
14 Sep 2015 - 10:31 am | नीलमोहर
हम न समझे थे बात इतनीसी
ख्वाब शीशे के, दुनिया पत्थर की..
14 Sep 2015 - 10:33 am | मारवा
कभी कभी मेरे दिल में ख़याल आता है
के जैसे तुझ को बनाया गया है मेरे लिए
तू अब से पहले सितारों में बस रही थी कही
तुझे जमीं पे बुलाया गया है मेरे लिए
कभी कभी मेरे दिल में ख़याल आता है
के ये बदन ये निगाहें, मेरी अमानत हैं
ये गेसुओं की घनी छाँव हैं मेरी खातिर
ये होंठ और ये बाहें मेरी अमानत हैं
कभी कभी मेरे दिल में ख़याल आता है
के जैसे बजती हैं शहनाईयां सी राहों में
सुहाग रात है घूंघट उठा रहा हूँ मैं
सीमट रही है, तू शरमा के अपनी बाहों में
कभी कभी मेरे दिल में ख़याल आता है
के जैसे तू मुझे चाहेगी उम्रभर यूही
उठेगी मेरी तरफ प्यार की नजर यूं ही
मैं जानता हूँ के तू गैर है मगर यूं ही
हा हा हा
ह
14 Sep 2015 - 10:36 am | मारवा
संपादक महोदय
हे डबल डबल का येत माहीत नाही कुठे चुक होते कळत नाही कृपया या विनंती प्रतिसादा सहीत सर्व डबल
आलेले प्रतिसाद काढुन टाका याने रसभंग होतो साखळी तुटतेय
14 Sep 2015 - 10:49 am | शामसुन्दर
होके मजबूर मुझे उसने भुलाया होगा
ज़हर चुपके से दवां जानके खाया होगा
दिल ने ऐसे भी कुछ अफ़साने सुनाये होंगे
अश्क़ आँखोंने पिये और ना बहाये होंगे
बंद कमरे में जो खत मेरे जलाये होंगे
एक एक हर्फ़ जबीन पर उभर आया होगा
उसने घबराके नज़र लाख बचाई होगी
दिल की लूटती हुयी दुनियाँ नज़र आयी होगी
मेज़ से जब मेरी तस्वीर हटाई होगी
हर तरफ मुझको तडपता हुआ पाया होगा
छेड़ की बात पे अरमां मचल आये होंगे
ग़म दिखावे की हँसी में उबल आये होंगे
नाम पर मेरे जब आँसू निकल आये होंगे
सर ना काँधे से सहेली के उठाया होगा
जुल्फ़ ज़िद करके किसी ने जो बनाई होगी
और भी ग़म की घटा मुखड़े पे छाई होगी
बिजली नजरों ने कई दिन ना गिराई होगी
रंग चेहरे पे कई रोज़ ना आया होगा
14 Sep 2015 - 11:06 am | पद्मावति
गोरे गोरे मुखड़े पे काला काला चश्मा
तौबा खुदा खैर करे खूब है करिश्मा
खूब है करिश्मा,
गोरे गोरे मुखड़े पे काला काला चश्मा
पुढिल अक्षर म
14 Sep 2015 - 11:18 am | रातराणी
माई नि माई मुन्डेर पे तेरी बोल रहा है कागा
जोगन हो गयी तेरी दुलारी मन जोगी संग लागा
14 Sep 2015 - 11:23 am | प्यारे१
गोरी तेरा गाव बड़ा प्यारा
चंद्रमा है आधा आधा जवाँ रे
14 Sep 2015 - 11:25 am | पद्मावति
ग़ज़ब का है दिन, सोचो ज़रा
ये दीवानापन, देखो ज़रा
तुम हो अकेले, हम भी अकेले
मज़ा आ रहा है, क़सम से, क़सम से
नेक्स्ट--' स'
14 Sep 2015 - 11:27 am | पद्मावति
अर्र, सॉरी, र पासून देते.
14 Sep 2015 - 11:32 am | प्यारे१
तुम्ही एकट्या आहात का दोघी? 'पद्मा' व 'ती'?
त्या ज्यो आणि ती ताईंनी सगळी गोची केली आहे. ;)
14 Sep 2015 - 11:29 am | प्यारे१
हम लिखा है ना ग से एक गाना.
काहे दुई दुई गाने लिख रहे हो?
स से गाना....
सामने ये कौन आआ दिल में हुई हलचल
देखकर एक झलक हो गए सब पागल
14 Sep 2015 - 11:30 am | पद्मावति
रंग भरे बादल पे तेरे नैनो के काजल से
मैने इस दिल पे लिख दिया तेरा नाम......चाँदनी, ओ मेरी चाँदनी.
नेक्स्ट- न
14 Sep 2015 - 11:33 am | प्यारे१
नजर के सामने जिगर के पास
कोइ रहता है वो हो तुम म म
म
14 Sep 2015 - 11:33 am | नीलमोहर
लागी तुमसे मन की लगन,
लगन लागी तुमसे मन की लगन..
14 Sep 2015 - 11:34 am | प्यारे१
बहोत कनफूजन हो रहा हय.
14 Sep 2015 - 11:46 am | नीलमोहर
प्रतिसाद लिहून प्रकाशित करेपर्यंत दुसरा प्रतिसाद येतोय त्यामुळे होतंय,
असू द्या हो,
येऊ द्या नेक्सट..
14 Sep 2015 - 11:51 am | मारवा
न तू ज़मीं के लिए
है न आसमां के लिए
तेरा वजूद है
अब दास्ताँ के लिए
पलट के सु-ए-चमन
देखने से क्या होगा
वो शाख ही ना रही
जो थी आशियाँ के लिए
ना तू ज़मीं...
गरज परस्त जहां में
वफ़ा तलाश न कर
ये शय बनी थी किसी
दूसरे जहां के लिए
तेरा वजूद है
अब दास्ताँ के लिए
ए
14 Sep 2015 - 11:51 am | संजय पाटिल
ना ना करते प्यार तुम्हिसे कर बठे
करना था इंकार मगर इकरार तुम्हिसे कर बैठे
ठ
14 Sep 2015 - 11:57 am | मारवा
ठहरे हुए पानी मे कंकर ना मार सावरे
मन मे हलचल सी मच जाएगी बावरे
र
14 Sep 2015 - 12:09 pm | माम्लेदारचा पन्खा
कुठलं हो हे गाणं ?
14 Sep 2015 - 12:51 pm | ज्ञानोबाचे पैजार
हे दलाल या मिथुन दांच्या चित्रपटातले गाणे आहे. कुमार सानुने गायलेले आणि संगीत अर्थातच द वन अंड ओन्ली वन बाप्पीदांचे
ऐकायला चांगले आहे. पण त्या "चढ गया उपर रे" मुळे हे कुठल्या कुठे वाहुन गेले.
पैजारबुवा
14 Sep 2015 - 1:04 pm | माम्लेदारचा पन्खा
शब्दांवरून तर जुनं वाटतंय....
कुमार शानू, बप्पीदा आवडायचे पण काही काही गाण्यात !