पूर्वार्धः
'परत तेच! मुद्दाम करतेय का?'
पुढच्याच टेबलवर पाठमोरं बसलेल्या तिने तीनदा वळून त्याच्याकडे, आणि नजरभेट होताच मागे विमानतळाकडे पाहिलं होतं, मग मान वळवून घेतली होती.
तिशीच्या आसपासचा आकर्षक चेहेरा आणि बांधा. डोळ्यांत धास्ती होती का?
'विचारावं का मदत हवीय का म्हणून? नकोच, खरंच कुणाची वाट पहात असेल.’ पुन्हा लॅपटॉपकडे वळला.
तेवढ्यात पुन्हा ती वळलेली जाणवली, पुन्हा त्याला अडखळून नजर पलिकडे मागे!
आता मात्र लॅपटॉप बंद करून तो उठला.
इतक्यात तीही आनंदाने उठली आणि पुढून येणार्या अवाढव्य शरीराच्या तरूणाला "किती उशीर?" म्हणत तिने आवेगाने मिठीत घेतलं.
'आयला, काय जोडी आहे?' सुन्नपणे त्याने मान हलवली, 'बरं झालं काही बोललो नाही, थोडक्यात वाचलो!'
*************उत्तरार्ध ************
"एक ……….विचारू?" त्या अवाढव्य तरूणाने हसत पण अडखळत विचारलं
हा गांगरून म्हणाला, "Sure!"
"हे अगडबंब माकड ………….या सुंदरीला कसं आवडलं, ……………असं वाटलं ना तुम्हाला? चेहेर्यावरून जाणवलं. ………..चूकही नाही म्हणा. …………पण काही सांगावंसं वाटतंय, जरा बसुयात?"
ती अवघडलेली, हा त्याहून आधिक. पण नाईलाजाने हस्तांदोलन केलं. तिघे बसले, जोडपं एकीकडे, हा समोर.
"दोन वर्षांपूर्वी डोकं दुखून, डोळे अधू झाले. Craniopharyngiomaचं निदान झालं,……………… pituitary glandचा benign tumor. ………सर्जिकली ……….pituitary काढली, ………..ट्यूमर गेला, पण ……….endocrine functionही गेलं. वजन वाढलं, बोलतांना ……….अडखळतो. पण ही खूप सांभाळते मला!"
आता अडखळायची वेळ याची. "खरंच ..........कौतुक आहे तुम्हा दोघांचं, ...........अवघड असणार..........पण तुम्ही बरे तर झालात!"
"खरंय, थोडक्यात वाचलो!"
प्रतिक्रिया
21 Aug 2015 - 11:06 pm | डॉ सुहास म्हात्रे
+१
उत्तरार्ध लै आवडला ! "थोडक्यात वाचलो!" या शिर्शकालाही आता नवीन अर्थ प्राप्त झालाय !!
21 Aug 2015 - 11:15 pm | एस
+१.
असेच म्हणतो.
21 Aug 2015 - 11:13 pm | ऋतुराज चित्रे
+१
छान कलाटणी
21 Aug 2015 - 11:47 pm | अत्रुप्त आत्मा
इस्कू बोल्ते सिक्वेल.. दनदनादन . येकच नंबर +१
22 Aug 2015 - 12:05 am | जडभरत
:(
+१
22 Aug 2015 - 12:15 am | पद्मावति
क्या बात है! सुपर्ब.
22 Aug 2015 - 3:19 am | विंजिनेर
+१
हायला भारीये!!
22 Aug 2015 - 3:40 am | रातराणी
+१
मस्त कलाटणी!
असा सिक्वल असेल हा विचारही आला नव्हता मनात!
22 Aug 2015 - 5:15 am | रेवती
मस्त!
+१.
22 Aug 2015 - 9:10 am | एक एकटा एकटाच
मस्त
उत्तरार्ध उत्तम
22 Aug 2015 - 10:07 am | प्रदीप@१२३
+१
22 Aug 2015 - 12:23 pm | योगी९००
+१
अतिशय सुंदर..!! असा उत्तरार्ध असेल हा विचारही आला नव्हता मनात!
22 Aug 2015 - 12:47 pm | मोहन
मस्तच !
22 Aug 2015 - 1:39 pm | प्यारे१
उत्तरार्ध मेडीकल टर्म्स आणि ..... सोडून आवडला. ;)
उत्तम जमलाय.
22 Aug 2015 - 4:28 pm | पगला गजोधर
उत्तम
22 Aug 2015 - 5:09 pm | लाल टोपी
+१
22 Aug 2015 - 7:08 pm | प्राची अश्विनी
+१
22 Aug 2015 - 7:14 pm | पैसा
+१
उत्तरार्धाला दिलेली कलाटणी आवडली.
22 Aug 2015 - 7:23 pm | नाव आडनाव
+१
22 Aug 2015 - 8:28 pm | टुंड्रा
+१
22 Aug 2015 - 9:07 pm | अंजली पाटील
+१
22 Aug 2015 - 9:24 pm | तीरूपुत्र
लई भारी....+११११११११११११११
22 Aug 2015 - 10:01 pm | नूतन सावंत
वा+१
22 Aug 2015 - 11:46 pm | स्रुजा
सुरेख ! काय छान कलाटणी दिलीत. एकदम वेगळाच दृष्टीकोन !
23 Aug 2015 - 9:34 am | शिवोऽहम्
+१
23 Aug 2015 - 9:54 am | विवेकपटाईत
+ १ आवडली
23 Aug 2015 - 9:57 am | अविनाश पांढरकर
+१
23 Aug 2015 - 3:41 pm | gogglya
+१
23 Aug 2015 - 11:13 pm | चिगो
जबराट उत्तरार्ध..
24 Aug 2015 - 12:48 am | नितिन५८८
+१
24 Aug 2015 - 10:38 am | चैतन्यमय
+१
24 Aug 2015 - 11:31 am | बबन ताम्बे
छान !
24 Aug 2015 - 12:28 pm | नीलमोहर
दोनच शब्द, पण दोन व्यक्तिंसाठी वेगेवेगळे अर्थ !!
24 Aug 2015 - 3:09 pm | समीरसूर
जबरदस्त! आवडला हा सिक़्वेल!
+1
24 Aug 2015 - 3:50 pm | जगप्रवासी
छान कलाटणी
25 Aug 2015 - 3:55 pm | सोनल परब
+१
26 Aug 2015 - 4:37 pm | माधुरी विनायक
छान कलाटणी..
27 Aug 2015 - 10:12 am | प्रशांत
+१
आवडेश
27 Aug 2015 - 10:44 am | पिशी अबोली
+१
31 Aug 2015 - 5:08 pm | ब़जरबट्टू
मस्तच..
31 Aug 2015 - 5:53 pm | अन्या दातार
अप्रतिम सिक्वेल
1 Sep 2015 - 9:49 am | कवितानागेश
बेस्ट!