कृष्ण उभा यमुना किनारी
होऊनी अनईझी,
गोपिका तिकडे मजेत
वाट्सप्प वरती बीझी...!!
दुध लोणी गायब झाले
फास्ट फुडचा जमाना,
गोपी खाती नुडल्स
भरती बर्गर चा बकाना...!!
पुर्वी एकच पेंद्या होता
आता सारेच पेंद्या झाले
मैदानी खेळ सोडूनी,
फेसबुक वरती आले...!!
गोधन झाले आऊट डेटेड
गोकुळात मॉल आले,
गोवर्धन विकला गुण्ठे वारी
मथुरा कॉस्मोपॉलिटन झाले .!!!
प्रतिक्रिया
12 Jun 2015 - 9:07 am | लालगरूड
:'(
12 Jun 2015 - 9:33 am | सतिश गावडे
=))
12 Jun 2015 - 11:45 am | टवाळ कार्टा
=))
12 Jun 2015 - 12:17 pm | अत्रुप्त आत्मा
=)) मस्त फ्राय्ली जिलबी! :-D
नीर् वाळा:- शेवटची कडि एकदम खटक्यावर पडलेने सदर जिलबी आस्वाद्य जाहली आहे! ;-)
12 Jun 2015 - 12:28 pm | जेपी
=))
12 Jun 2015 - 2:14 pm | पैसा
लाईकले आहे.
12 Jun 2015 - 2:26 pm | अजया
लाईक केलंय कवितेला!
12 Jun 2015 - 2:32 pm | बॅटमॅन
*जांभई*
12 Jun 2015 - 4:32 pm | गोल्या
आत्रुप्त ----
त्रुप्त जाहलो
12 Jun 2015 - 4:49 pm | मोहनराव
या कवितेला किती लाईक्स मिलणार!!
12 Jun 2015 - 10:09 pm | एक एकटा एकटाच
अत्यंत चांगली परिणामकारक कविता
12 Jun 2015 - 10:32 pm | श्रीरंग_जोशी
कविता आवडली.
सद्यस्थितीवर भाष्य करण्याचा प्रयत्न भावला.
12 Jun 2015 - 10:57 pm | रुपी
सहमत.
12 Jun 2015 - 11:00 pm | मधुरा देशपांडे
मस्त. :)
13 Jun 2015 - 9:14 am | गोल्या
धन्यवाद
जाण कारां नी सुचना कराव्या
बालक अजाण आहे.
13 Jun 2015 - 9:40 am | किसन शिंदे
आवडली.
13 Jun 2015 - 3:31 pm | वेल्लाभट
लई आवडली संकल्पना ! मस्त !
15 Jun 2015 - 12:24 pm | चौथा कोनाडा
झ क्का ! स !
:-)))))
15 Jun 2015 - 3:53 pm | नाखु
"पेन" द्याचे मनोगती,
ऐसी लक्तरे दाखविती!
पण सांगण्या हाय दैवा !
मायबोली विसरशी पोरा !!
थो पुस्तकाच्या लायकीत बैस जरा !
कान्हा थांब तिथेच,आहे तिथे हैस बरा !
गोकुळनिवासी रस्ता कडेने तयार जिल्बी हात्गाडी विक्रेता संघातर्फे ताजी जिलबी नाम मात्र दरात
अभामिपामांकामिमसंचालीत
15 Jun 2015 - 4:29 pm | अत्रुप्त आत्मा
:-D
15 Jun 2015 - 8:16 pm | गोल्या
प्रिय नाखुश,
आज कालची पोरं टोरं अशीच फंकी भासा बोलत्यात म्हणून्शान हां form ...
15 Jun 2015 - 6:27 pm | सूड
बरं, आता नंतरची कविता कधी?
15 Jun 2015 - 8:06 pm | गोल्या
जवा तुमची आद्न्या म्हाराज....!!
15 Jun 2015 - 11:51 pm | अत्रुप्त आत्मा
सुडुक च्या वाक्यात शेवटी "होणार?" हा एक शब्द ह्रायलेला आहे,हे ऐकू नै आलं तुम्हाला! ;-)
अत्यंत स"खोल माणूस हाय त्यों! :P