मेरी जिंदगी मे तेरा वजूद कुछ ऐसा है, ,
के तू नही तो मेरा कोई वजूद नही !
तुझे पाने के ख्वाईश कुछ ऐसी है, ,
के तू नही तो कोई और ख्वाईश नही ! !
यू तो अकेला ही चला था मै एक राह पर , ,
हां ! ,तेरे मिलने से राहत मिली
अब तेरे ना होने का गम तो नही, ,
पर सामने देखता हू तो कोई मंजिल भी नही ! !
एक और दिन बीत गया तेरे खयाल मे ,
एक और शाम ढल गयी तेरी याद मे ,
अब इस रात से डरता हू ,
कही ये भी ना गुजर जाये तेरे इन्तेजार मे ! !
एक दिन ,एक शाम, एक रात तो बीत जायेगी ,
कही सांस न रुक जाये तेरे इन्तेजार मे ! !