Phone की ring बजती है....
कार्तीक : मै कार्तीक बोल रहा हूँ
डॅड : बोलो बेटे. का बात है ?
कार्तीक : डॅड, सानिया मिर्झा और शोएब मलिक के डिवोर्स के चर्चे मिडिया में चल रही है,
क्या यह सही है?
डॅड : देखो बेटे, तुम्हारी बाते सुननेके बाद कुछ पंक्तीया याद आ रही है..
मुलाहिजा अर्ज करता हूँ
कार्तीक : डॅ....ड
डॅड : पंछी नदिया पवन के झोंके,
कोई सरहद ना इन्हें रोके
सरहद इंसानों के लिए है, बेटे,
सोचो तुमने और मैंने क्या पाया इंसान होके
what we got by being insane ?
या फीर शोएब गाता होगा अदनान के आवाज में,
मेरे साजन हैं उस पार
मैं मन मार, हूँ इस पार
ओ मेरे माँझी अब की बार
ले चल पार, ले चल पार
मेरे साजन हैं उस पार,
(हिंदूस्तानमें IPL है....वहा क्या है?)
कार्तीक : डॅड, साफ साफ कहीये, क्या मतलब है आपका ?
डॅड : देखो बेटे, पापाराझी को चबाने के लिये कुछ तो मटेरियल चाहिये, इसलिये उन्होने शोएब के साथ दूसरी माॅडेल के फोटो छापके 'पती पत्नी ओर वोह' वाला सीन शुरु किया.
कार्तीक : इसका मेरी प्राॅब्लेमसे क्या connection ?
डॅड: देखो बेटे,हालाखी इसमें दो राय नही है की जब सानिया और शोएब इस बात का पता चला होगा तो नहले पर दहला देने के लिये दोनो ने तलाक के अफवाओंको और हवा देना शुरु किया होगा, सब scripted है बेटे ,दोनो मिलके 'मिर्झा-मलिक TV शो' करेंगे , जिसके उन्हे पैसे मिलेंगे, और तुम जैसे येडे वोह शो देखेंगे.
इसे कहते है अफवाओंके आग पर रोटीयाँ सेकना.
डॅड : तब तक सानिया ये गाना गा सकती है,
"उठाए जा उनके सितम और जिये जा
यूँ ही मुस्कुराए जा, आँसू पिए जा
उठाए जा उनके सितम और जिये जा
यूँ ही मुस्कुराए जा, आँसू पिए जा
उठाए जा उनके सितम..."
कार्तीक : डॅड, आप कहना क्या चाहते हो?
डॅड : बेटे, दोनो मिले हूये है,कलको अगर दोनो, एक दूसरे को ताली दे कर हँसते हूवे नजर आये तो,चौंक मत जाना.
कार्तीक : डॅड phone जल्दी से रखो, दूसरे call waiting में है
डॅड: यो तो होणा ही था.
प्रतिक्रिया
15 Nov 2022 - 5:30 pm | कर्नलतपस्वी
जिसके उन्हे पैसे मिलेंगे, और तुम जैसे येडे वोह शो देखेंगे.
आजकाल तो दिमाग का दही बनेला है बाप😇,😈
बिग बाॅस,मराठी मिडीया,युट्यूबवर समांतर मराठी मिडीया. भाऊ कुछ बोलते है ,अबप कुछ और.... कौन सही कौन गलत समझ नही आ रे ला है बाॅस.
बिग बाॅस म्हणतात सायकॉलॉजी खेळ आहे. इतके सिझन झाले लोक सिन्सिअर होऊन बघतात पण काय बघतात हे मला तरी कळले नाही.
मी म्हणले मी बिग बाॅस नाही बघत तर ....
"अरे ये पि एस पी ओ नही जानता ....." की तरह देखते है.
15 Nov 2022 - 6:07 pm | बाजीगर
सहमत
16 Nov 2022 - 7:04 pm | सामान्यनागरिक
हे असले कार्यक्रम बघणारर्या लोकांच्या जीवावरंच तर च्यानेल पोट भरतात. वाटेल ते दाखवायचं, जाहिरातीचे ब्रेक, परत खालच्या अर्ध्या पडद्यावर सरजल्ता पट्ट्या , मधुनच त्या मोठ्या होऊन सगळा पडदा व्यापतात तरीही लोक बघत रहातात.
आपल्याला तर हे काही समजत नाही. ईतर वेळेस मोदीने जरा काही वाकडे केले तर त्याचे वाभाडे काढतात पण च्यानेले असले वैचारिक प्रदुषण फैलावणारे कार्यक्रम दाखवतात त्याबद्दल ब्र पण काढत नाहीत .
किमान टीव्हीला बंद करण्याचे बटन असते याचेही भान रहात नाही.
देवा आता तुच वाचव . की तूही रटाळ सिरीयल्स बघत बसलाहेस ?
16 Nov 2022 - 2:52 pm | श्वेता व्यास
मस्तच! बातमी आली तेव्हाच वाटलं होतं काहीतरी घोळच असणार आहे.
16 Nov 2022 - 10:45 pm | मुक्त विहारि
कुणी क्रीकेटचा मसाला विकतो.
कुणी सिने कलाकारांची लफडी विकतो.
साधा वरणभात, पोळीभाजी विकत घ्यायला लोकं तयार होत नाहीत, दिवाळीचा फराळ तर दूरच राहिला.