मूळ गीत: मन तळ्यात मळ्यात,
मन एकात.. दुसर्यात..
कधी कुणा तिसर्यात.
मन गुंफियते धागा,
अन गुंतत जाई सार्यात.
मन एकात दुसर्यात.. कधी कुणा तिसर्यात.
उरी हिथचा वसे आठव,
चित्त जॉनीच्या खळयांत.
मन एकात दुसर्यात.. कधी कुणा तिसर्यात.
इथे स्टीव्हचे स्मरण करते,
अन बिलचेही घर मनात.
मन एकात दुसर्यात.. कधी कुणा तिसर्यात.
भिनू लागे हृतिक तन मनी,
परि रणदीपची ओढ काळजात.
मन एकात दुसर्यात.. कधी कुणा तिसर्यात.
माझ्या नयनी रॉजरची स्वप्ने,
आणि आनंदचे खेळ डोळ्यांत.
मन एकात.. दुसर्यात..
कधी कुणा तिसर्यात.
मन गुंफियते धागा,
अन गुंतत जाई सार्यात.
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हिथ: हिथ लेजर
जॉनी: जॉनी डेप
स्टीव्ह: स्टीव्ह जॉब्स
बिल: बिल गेट्स
हृतिक: हृतिक रोशन
रणदीप: रणदीप हूडा
रॉजर : रॉजर फेडरर
आनंद: विश्वनाथन आनंद
समर्पित: वरीलप्रमाणे समस्त प्रेरणादायी नायकांप्रति.
प्रतिक्रिया
10 Nov 2015 - 4:24 pm | कविता१९७८
मस्त , आवडले.
11 Nov 2015 - 7:29 am | मितान
जर्रा मिटर गंडलंय पण आयड्या आवडेश :)!
11 Nov 2015 - 12:52 pm | पैसा
:)
11 Nov 2015 - 1:38 pm | अभ्या..
सगळी अफाट पैसेवाली मंडळी दिसताहेत. :)
11 Nov 2015 - 1:54 pm | सस्नेह
गंमतशीर कविता !
11 Nov 2015 - 2:17 pm | एस
हे सगळेजण विवाहित आहेत ना? ;-)
11 Nov 2015 - 2:20 pm | टवाळ कार्टा
:)
11 Nov 2015 - 2:28 pm | मधुरा देशपांडे
आवडली. :)
12 Nov 2015 - 6:06 pm | नूतन सावंत
आवडली.