वाल्गुदसंभवः
अस्त्युत्तरस्यां दिशि *बन्धकात्मा |
स गॉथमो नाम पुराधिराजः |
पूर्वापरौ द्रव्यनिधी विगाह्य |
स्थितः पृथिव्या इव मानदण्डः ||१||
गॉथमीयेषु श्रेष्ठेषु एकं श्रेष्ठतमं कुलम् |
तत्र सः जनितो ब्रूसः खलु वेनकुलोद्भवः ||२||
जीवने शैशवं रम्यं शैशवं धनिनां खलु |
तत्रापि खलु मित्राणि तत्र क्रीडासमुच्चयः ||३||
मातापितरौ आल्फ्रेडो रेचेल् साऽपि तथैव च |
एते एव हि आसन् तद्विश्वे अन्ये न केऽपि च ||४||
(अथैकदा)
असौ अगच्छत् भवनस्य पश्चात् |
वेगेन पादस्खलनेन चास्य |
शीघ्रं गुहायां अपतत् स ब्रूसः |
ठंठंठठंठं ठठठंठठंठः ||५||
(क्रमशः)
* बन्धक=शहर.
प्रतिक्रिया
12 Sep 2012 - 3:24 pm | अत्रुप्त आत्मा
उत्तमोत्तमा : ॥
12 Sep 2012 - 3:30 pm | अन्या दातार
:)
12 Sep 2012 - 3:34 pm | स्वप्निल घायाळ
Two Face: "You either die a hero or you live long enough to see yourself become the villain"
Class act...
12 Sep 2012 - 3:37 pm | sagarpdy
या देवै सर्वभूतेषु बॅटमॅनरूपेण संस्थितः |
नमस्तस्में नमस्तस्में नमस्तस्में नमो नमः ||
12 Sep 2012 - 3:46 pm | प्रचेतस
जबरी झालय रे.
मान गये.
12 Sep 2012 - 3:55 pm | विजुभाऊ
एशः गोथॅम नगरस्य वार्तापत्रं............ प्रवाचक वाल्गुदश्रेष्ठ ऋषी बॅटमॅनः
कस्माद कारणेन त्वः संस्क्रुतात ब्रुयसी ?
12 Sep 2012 - 4:04 pm | बॅटमॅन
भो: विजुभ्रातः अहं केवलं स्वेच्छया एव(पठतु: कंडुना) संस्कृतभाषायां ब्रवीमि :)
12 Sep 2012 - 5:01 pm | सूड
मस्त आहे. पण आम्हाला बुवा रामाभिषेकावेळी पायदंड्यांवरुन आपटत घरंगळत जाणार्या सुवर्णघटाचा आवाजच अधिक श्रवणीय वाटतो. ;)
12 Sep 2012 - 5:08 pm | बॅटमॅन
किंवा भोजाच्या बायकोच्या हातातून पडलेल्या सुवर्णकलशाचा ;)
12 Sep 2012 - 6:00 pm | पैसा
बॅटमनेन लिखितं काव्यं अति सुंदरं इति!
13 Sep 2012 - 5:35 am | स्पंदना
बातम्या ऐकल्या सार वाटल जणु.
बॅटमॅन, भारी.
13 Sep 2012 - 12:56 pm | नंदन
वाचतो आहे. पु. भा. प्र.
+१
21 Mar 2013 - 12:04 pm | प्रसाद गोडबोले
सुंदर !!