शब्दांच्या घनगर्द सावलीत

अनन्त्_यात्री's picture
अनन्त्_यात्री in जे न देखे रवी...
9 Sep 2018 - 7:55 pm

तार्‍यांनी गजबजल्या रात्री
चांदणवर्खी प्रकाशलाटा
शब्दांच्या घनगर्द सावलीत
धूसरल्या अर्थाच्या वाटा

त्या लाटांवर हरपे जाणीव
त्या वाटांवर अगणित संभव
जाणिवेतुनी ठिबके नेणीव
संभव सरता उरे असंभव

माझी कवितामुक्तक

प्रतिक्रिया

चांदणे संदीप's picture

10 Sep 2018 - 7:02 am | चांदणे संदीप

मस्तच. आवडली कविता.

Sandy

प्रचेतस's picture

10 Sep 2018 - 8:42 am | प्रचेतस

क्या बात....!

अप्रतिम.

श्वेता२४'s picture

10 Sep 2018 - 5:58 pm | श्वेता२४

अप्रतिम

अनन्त्_यात्री's picture

12 Sep 2018 - 4:35 pm | अनन्त्_यात्री

आपल्या प्रतिसादाबद्दल धन्यवाद!

यशोधरा's picture

12 Sep 2018 - 5:30 pm | यशोधरा

सुरेख!

अथांग आकाश's picture

12 Sep 2018 - 6:31 pm | अथांग आकाश

वाह!

stars

अनन्त्_यात्री's picture

15 Sep 2018 - 2:59 pm | अनन्त्_यात्री

प्रतिसादाबद्दल धन्यवाद!