(महावीर पांडू)

पॅपिलॉन's picture
पॅपिलॉन in जे न देखे रवी...
11 Aug 2011 - 2:53 pm

प्रेरणा

पोथी न पंचांग हाती मिरवत
पांडू फिरतो डोलत डोलत
दे आव्हाने येता-जाता -
"काय कुणाची आहे हिंमत?"

शुक्रावरुनी चंद्रावरती
चंद्रावरुनी राहूवरती
कधी कधी पण पुरता फसतो
पराक्रमी तो पांडू असतो!

प्रति-आव्हाने जर का येती
पांडोबाचे पद लटपटती
होराशास्त्री पांडू अमुचे
रिंगण सोडून पळून जाती!!

विडंबन

प्रतिक्रिया

आवडल्या गेले आहे, हे वे सां न ल !!

वपाडाव's picture

11 Aug 2011 - 5:09 pm | वपाडाव

:)

पप्पु अंकल's picture

11 Aug 2011 - 3:11 pm | पप्पु अंकल

कसल हाणलयस बापरे.....
पॅपिलॉन तुमच्या प्रतिभेला सलाम
कविता खुप खुप आवड्ली...........

पॅपिलॉन's picture

11 Aug 2011 - 4:49 pm | पॅपिलॉन

धन्यवाद सुधांशु देवरुखकर आणि पप्पु अंकल.

ये लगा पॅपिके विडंबनका सिक्सर......!

छानच....!

:-)

गणपा's picture

11 Aug 2011 - 4:57 pm | गणपा

समयोचित विडंबन. :)

जानम's picture

11 Aug 2011 - 10:52 pm | जानम

सिक्सर......!

अत्रुप्त आत्मा's picture

12 Aug 2011 - 12:49 am | अत्रुप्त आत्मा

तोफच मारली की वो तुमी... हा हा हा हा :bigsmile:

पांड्याच्या उडाल्या दांड्या....:wink:

अन्या दातार's picture

12 Aug 2011 - 4:25 pm | अन्या दातार

भारी!