प्रणयाचा पाऊस!

निमिष सोनार's picture
निमिष सोनार in जे न देखे रवी...
28 Aug 2010 - 9:31 am

पाऊस बरसला,
सुगंध पसरला!

श्वास मोहरला,
सहवास बहरला!

मंद तारा,
धुंद वारा!

प्रेमात ओला,
आसमंत सारा!

मन फुलले,
तन उमलले!

प्रणय पाहूनी,
क्षण थांबले!

शृंगारशांतरसप्रेमकाव्यकविता

प्रतिक्रिया

शुचि's picture

28 Aug 2010 - 4:43 pm | शुचि

आवडली

निमिष सोनार's picture

28 Aug 2010 - 7:25 pm | निमिष सोनार

धन्यवाद आपल्या प्रतिसादाबद्दल :-)

हरकाम्या's picture

28 Aug 2010 - 6:24 pm | हरकाम्या

ही कविता आहे का ?

हो. ही कविता आहे. ती कविता नाही असे वाटण्याचे कारण कळू शकेल का?

दादल's picture

29 Aug 2010 - 9:05 pm | दादल

कय्मनन्का यन्कानन्कनन्क

समजेल अशा भाषेत प्रतिक्रिया मिळेल का दादल?
कयनयदरफग्गाह्ह मनह्हाप्पाफ्फाय्गडव्व॑

पक्या's picture

31 Aug 2010 - 2:20 am | पक्या

छन आहे कविता