भडकलाच तो, एव्हढी वर्षे इंतजार केल्यावरही म्यनेजमेंट ने त्याला फक्त "Satisfactory" ग्रेड दिला होता, आणि तो जवान पोट्टा, "Extraordinary" घेऊन त्याचा बॉस बनला होता.
त्याने केलेली कामे मोठी होती, आजकालच्या या जवान पोरांसारखा भड़क डोक्याचा नव्हता तो, प्रत्येक कामात प्लानिंग असायचे त्याच्या, त्याला आठवला प्रोजेक्ट पूर्ण केल्यावर भेटलेला शाही Send-off .
HRला गाठला त्याने, तोही साला जवानच, तसेही हमउम्र साथीदार फारच कमी होते, अनुभवाची कदरच नव्हती जणू, विशी-तिशीतील पोरांचा भरणा होता फक्त. म्हणाला, Policy बदललीये चचा, आता कमी वेळेत मोठे "टार्गेट" नम्बर गाठावे लागतात, हाथ चालायला पाहिजे तेज फ़क्त, न थिजता..
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ऐकून सुन्नपणे याकूब निघाला, जन्नतमध्ये कसाबला रिपोर्टिँग होते त्याचे.
प्रतिक्रिया
5 Aug 2015 - 12:03 pm | सौंदाळा
+१
5 Aug 2015 - 12:36 pm | शलभ
+१
5 Aug 2015 - 12:56 pm | gogglya
शेवट अफलातून ! --/\--
5 Aug 2015 - 1:00 pm | अत्रुप्त आत्मा
@शेवट अफलातून ! --/\-- +१११११ अँड +१ टू
5 Aug 2015 - 1:13 pm | रातराणी
+१
5 Aug 2015 - 1:19 pm | dadadarekar
.
5 Aug 2015 - 1:23 pm | यमन
मस्तच...
5 Aug 2015 - 1:25 pm | नितिन५८८
+१
5 Aug 2015 - 1:40 pm | प्यारे१
जन्नत?
+१
6 Aug 2015 - 1:54 pm | तुमचा अभिषेक
उपहासात्मक घ्या :)
कथेला अर्थातच +१
6 Aug 2015 - 3:46 pm | ब़जरबट्टू
जन्नत मिलने वास्ते ही होता ना सब.. :)
अर्थात उपहासच होता....
6 Aug 2015 - 8:50 am | प्रीत-मोहर
+१
6 Aug 2015 - 8:58 am | असा मी असामी
+१
6 Aug 2015 - 9:01 am | बोका-ए-आझम
+१
6 Aug 2015 - 9:05 am | खटपट्या
+१
बरोबर
6 Aug 2015 - 1:51 pm | सिध्दार्थ
+१११११
6 Aug 2015 - 1:58 pm | दमामि
+1
6 Aug 2015 - 2:04 pm | मधुरा देशपांडे
+१
6 Aug 2015 - 2:08 pm | नाखु
ताजा विषय आणि अनुरूप उपयोग !!!!
6 Aug 2015 - 3:50 pm | सानिकास्वप्निल
+१
6 Aug 2015 - 3:51 pm | द-बाहुबली
अप्रतिम...!
6 Aug 2015 - 4:12 pm | मुक्त विहारि
+१
(सिक्वेल वाचायला नक्कीच आवडेल.)
6 Aug 2015 - 5:33 pm | चिगो
+१.. पण ते हिंदी/ईंग्रजी/ऊर्दू/फारसी काय असतील ते शब्द टाळाच..
संदर्भ
;-)
7 Aug 2015 - 8:45 am | ब़जरबट्टू
बॅनर ची Note ली है तशी... :)
6 Aug 2015 - 6:02 pm | सटक
शेवट सही!!
6 Aug 2015 - 6:06 pm | रेवती
+१.
6 Aug 2015 - 6:41 pm | राघवेंद्र
+१
6 Aug 2015 - 7:02 pm | कॅप्टन जॅक स्पॅरो
+१
6 Aug 2015 - 9:16 pm | टुंड्रा
+१
6 Aug 2015 - 9:21 pm | टुंड्रा
कथेचे नाव appraisal हवे
7 Aug 2015 - 8:43 am | ब़जरबट्टू
हा रेकार्ड आहे राव माझा.. आजपर्यंत एकही शीर्षक बरोब्बर लिहिलेले नाहीये.. :(
6 Aug 2015 - 9:28 pm | कैलासवासी सोन्याबापु
+१
6 Aug 2015 - 9:36 pm | उगा काहितरीच
+१
6 Aug 2015 - 11:47 pm | माम्लेदारचा पन्खा
जो उठ्तो तो नेताच !!
"+१"
7 Aug 2015 - 12:11 am | स्रुजा
+१ सुरेख कलाटणी !!
7 Aug 2015 - 12:13 am | अभ्या..
+१
7 Aug 2015 - 9:28 am | देशपांडे विनायक
+१
7 Aug 2015 - 9:38 am | मितान
+१
7 Aug 2015 - 8:58 pm | बहिरुपी
+१
8 Aug 2015 - 10:24 am | नूतन सावंत
+१
शेवट सुरेख.
8 Aug 2015 - 10:24 am | नूतन सावंत
+१
शेवट सुरेख.
8 Aug 2015 - 10:26 am | नीलमोहर
जबरदस्त कल्पना !!
8 Aug 2015 - 12:10 pm | श्रीगुरुजी
>>> ऐकून सुन्नपणे याकूब निघाला, जन्नतमध्ये कसाबला रिपोर्टिँग होते त्याचे.
एकदम अपपेक्षित शेवट!
+१
13 Aug 2015 - 10:08 am | ब़जरबट्टू
गुर्जी, काय कल्ला नाय तुम्ही काय म्हणला ते .. अनपेक्षित का अपेक्षित ?
8 Aug 2015 - 12:20 pm | पैसा
+१
9 Aug 2015 - 1:04 am | सुहास झेले
शेवट मस्तच !!
9 Aug 2015 - 11:28 am | तीरूपुत्र
+१ शेवट भारी...
10 Aug 2015 - 10:27 am | अंजली पाटील
+१
10 Aug 2015 - 11:58 am | बबन ताम्बे
+१
10 Aug 2015 - 5:39 pm | मास्टरमाईन्ड
आवडलं.