घरगुती हिंसा व पोटगी

बाजीगर's picture
बाजीगर in जे न देखे रवी...
6 Feb 2025 - 10:52 pm

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घ्या कविता
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कुणाची घ्यावी बाजू,
confuse झाला तराजू ।।

महीना 15 लाख मागणा-या
पीडीतेची,
कि बीडच्या दलाल, अडत्याची !!

सामाजिक न्याय मंत्री,
घरगुती हिंसाचाराची जंत्री ।।

एकीकडे पैसा आणि सत्ता
धन अन् जय,
दूसरीकडे कोर्टाने दिला,
करुणामय विजय ।।

द्विभार्या कायद्याचा
सविनय भंग,
बीडमधे सामाजिक
कार्य दबंग ।।

तिकडे त्रासले दादा,
मित्राला वाचवायचा वादा ।।

जनता पहातेय तमाशा,
डेमोक्रेझी चा ढोलताशा ।।

कविता

प्रतिक्रिया

ज़िंदगी से बड़ी सज़ा ही नहीं
और क्या जुर्म है पता ही नहीं

धन के हाथों बिके गये हैं सभी
अब किसी जुर्म की सज़ा ही नहीं

हर आदमी में होते है
दसबीस आदमी
जिसको भी देखना हो
कई बार देखना

- निदा फाजली

चौथा कोनाडा's picture

7 Feb 2025 - 7:26 pm | चौथा कोनाडा

हर तरफ़ हर जगह बेशुमार आदमी।
फिर भी तनहाइयों का शिकार आदमी।।
ज़िन्दगी का मुकद्दर सफर दर सफर
आख़िरी सांस तक बेक़रार आदमी।।

हर आदमी में होते हैं, दस बीस आदमी।
जिसको भी देखना हो कई बार देखना।।