बेशिस्त

शैलेन्द्र's picture
शैलेन्द्र in जे न देखे रवी...
14 Aug 2016 - 11:58 am

पाहून वाट शेवटी पुढे निघून गेलो
मी माझे आयुष्य थोडे जगून गेलो

थांबण्याचा शब्द होता जरी दिलेला
पावलांचे ऐकून बेवफा वागुन गेलो

गुस्ताख आठवणींचे वादळ आंधळे
आधार काडीचा घेऊन तगून गेलो

शब्दांत माझी शिस्त मी सांभाळलेली
पण आज बेशिस्त थोडी भोगून गेलो

- शैलेंद्र

gazalगझल

प्रतिक्रिया

Bhagyashri satish vasane's picture

14 Aug 2016 - 2:19 pm | Bhagyashri sati...

आयुष्याचं थोडक्यात दर्शनच घडवून टाकलं की राव :)

शैलेन्द्र's picture

14 Aug 2016 - 5:43 pm | शैलेन्द्र

धन्यवाद, गजल लिहिण्याचा पहिलाच प्रयत्न

अभ्या..'s picture

14 Aug 2016 - 5:44 pm | अभ्या..

सुपर सर, सुपर

पद्मावति's picture

14 Aug 2016 - 6:06 pm | पद्मावति

मस्तं!

मीटर लईच बिघडलंय. भावना छान आहे.

शैलेन्द्र's picture

15 Aug 2016 - 9:49 am | शैलेन्द्र

बरोबर, योग्य शब्द सापडले नाहीत

शैलेन्द्र's picture

15 Aug 2016 - 9:49 am | शैलेन्द्र

बरोबर, योग्य शब्द सापडले नाहीत

ज्योति अळवणी's picture

2 Sep 2016 - 8:16 pm | ज्योति अळवणी

भावना सुंदर व्यक्त केल्या आहेत