राहून गेलेलं

पिशी अबोली's picture
पिशी अबोली in जे न देखे रवी...
9 Jun 2016 - 4:12 pm

गहिऱ्या गहिऱ्या आभाळात
तुझे निर्मळ, सच्चे डोळे,
सुसाटल्या वाऱ्यासवे,
तुझे स्वप्नांचे हिंदोळे

वीज येते, तशी तुझी
क्षणार्धात भेट,
गडगडाटी गोंगाटाचे
तुझे अनोळखीसे बेट

पाऊस सुरू होण्याआधी
इतकं सारं दाटून आलं..

पाऊस पडून गेला-
आणि तुला सांगायचं राहून गेलं
तुला सांगायचं राहून गेलं..

कविता

प्रतिक्रिया

प्राची अश्विनी's picture

9 Jun 2016 - 4:25 pm | प्राची अश्विनी

सुरेख!

प्रीत-मोहर's picture

9 Jun 2016 - 4:34 pm | प्रीत-मोहर

वाह।!!

पैसा's picture

9 Jun 2016 - 4:44 pm | पैसा

सुंदर!

मारवा's picture

9 Jun 2016 - 5:09 pm | मारवा

बोलुन चालुन अबोलीच नाव तुमच

एस's picture

9 Jun 2016 - 7:18 pm | एस

छान लिहिलेय.

आनन्दिता's picture

9 Jun 2016 - 7:21 pm | आनन्दिता

सुंदर!!!

विवेकपटाईत's picture

9 Jun 2016 - 7:26 pm | विवेकपटाईत

सुन्दर पावसाळी कविता

रमेश भिडे's picture

9 Jun 2016 - 7:30 pm | रमेश भिडे

या भाषाकोविद् बाई कविता कधीपासून करु लागल्या???

कविता म्हणून आवडली!

पिशी अबोली's picture

9 Jun 2016 - 10:24 pm | पिशी अबोली

धन्यवाद!

रेवती's picture

9 Jun 2016 - 10:34 pm | रेवती

कविता आवडली.

रेवती's picture

9 Jun 2016 - 10:34 pm | रेवती

कविता आवडली.

अभ्या..'s picture

10 Jun 2016 - 12:18 am | अभ्या..

अबोल्या, आवडली गो कविता.
छान जमलीय अगदी.
हुशार आहे बहिणाबाई.

यशोधरा's picture

10 Jun 2016 - 4:54 am | यशोधरा

सुंदर!

चाणक्य's picture

10 Jun 2016 - 6:04 am | चाणक्य

मस्त

चांदणे संदीप's picture

10 Jun 2016 - 6:30 am | चांदणे संदीप

सुंदरच!!

Sandy

नाखु's picture

10 Jun 2016 - 8:26 am | नाखु

सुटसुटीत आणि तरीही परिणामकारक.

भरत्_पलुसकर's picture

10 Jun 2016 - 11:23 am | भरत्_पलुसकर

आवडली कविता.

सस्नेह's picture

10 Jun 2016 - 11:28 am | सस्नेह

पाऊस सुरू होण्याआधी
इतकं सारं दाटून आलं..
पाऊस पडून गेला-
आणि तुला सांगायचं राहून गेलं

...हे खासच !

कवितानागेश's picture

10 Jun 2016 - 1:46 pm | कवितानागेश

किती छान.

पिशी अबोली's picture

10 Jun 2016 - 3:53 pm | पिशी अबोली

सर्वांना मनःपूर्वक धन्यवाद! :)

टवाळ कार्टा's picture

10 Jun 2016 - 4:40 pm | टवाळ कार्टा

अरे व्वा

कविता१९७८'s picture

10 Jun 2016 - 4:45 pm | कविता१९७८

मस्त

इरसाल's picture

10 Jun 2016 - 4:48 pm | इरसाल

पण काय सांगायच राहुन गेलयं ते कोण सांगणार ??????

भुमी's picture

10 Jun 2016 - 8:50 pm | भुमी

सुंदरच,
.....वीज येते, तशी तुझी
क्षणार्धात भेट...
मस्त लिहीलिय...

भुमी's picture

10 Jun 2016 - 8:50 pm | भुमी

सुंदरच,
.....वीज येते, तशी तुझी
क्षणार्धात भेट...
मस्त लिहीलिय...

जव्हेरगंज's picture

10 Jun 2016 - 8:58 pm | जव्हेरगंज

क्लास!

एक एकटा एकटाच's picture

10 Jun 2016 - 11:54 pm | एक एकटा एकटाच

सहिए

खटपट्या's picture

11 Jun 2016 - 1:23 am | खटपट्या

वा !

रातराणी's picture

11 Jun 2016 - 9:06 am | रातराणी

मस्तच!

पिशी अबोली's picture

11 Jun 2016 - 3:24 pm | पिशी अबोली

धन्यवाद!
बऱ्याच काळानंतर कविता लिहिली. तुम्हा सर्वांच्या कौतुकाने हुरूप आला..

नूतन सावंत's picture

11 Jun 2016 - 5:15 pm | नूतन सावंत

सुरेख कविता.

नूतन सावंत's picture

11 Jun 2016 - 5:15 pm | नूतन सावंत

सुरेख कविता.

थोडक्या शब्दात बरंच काही सांगणारी कविता.कवितेचं हे वैशिष्ट्य पुरेपूर उतरलंय या कवितेत म्हणून जास्त आवडली.
पुकप्र!

टर्बोचार्जड फिलॉसॉफर's picture

11 Jun 2016 - 11:13 pm | टर्बोचार्जड फिलॉसॉफर

छान कविता
मनाच्या तळ्यावरती आठवांचे पक्षी आले
तुझ्या जुन्या पाऊलखुणा त्यात माझे ठसे ओले.......
ही कविता/गाणे आठवले