रचना कशी असावी...?

राघव's picture
राघव in जे न देखे रवी...
3 Jan 2016 - 2:31 am

नुसतेच शब्द सारे.. गाभा मुळी कळेना..
स्वतःस प्रश्न केला.. रचना कशी असावी?

होता जरी जरासा.. अर्थ, अडकलेला..
तरीही मनांत म्हटले.. रचना अशी असावी?

मजला तरी कळावी, मम भावना मनीची..
आशय जिथे गमेना.. रचना तशी नसावी..

सहज-सुगम्य भाषा.. विषया धरून यावी..
बोजड कशास व्हावे.. रचना तशी असावी..

फुलती सहज जैसे ऋतुरंग आसमंती..
अर्थास शब्द यावे.. रचना तशीच व्हावी..

आशय थेट यावा अन् अंतरी भिडावा..
जन्मून सार्थ व्हावी.. रचना तशी असावी.

राघव

शांतरसकविता

प्रतिक्रिया

प्रचेतस's picture

3 Jan 2016 - 7:44 am | प्रचेतस

सुरेख रचना.

शार्दुल_हातोळकर's picture

3 Jan 2016 - 11:03 am | शार्दुल_हातोळकर

काव्य कसे असावे याचा धडाच जणु.....

प्राची अश्विनी's picture

3 Jan 2016 - 12:14 pm | प्राची अश्विनी

सुरेख कविता!

तुमचे प्रतिसाद बघून आनंद झाला.. धन्यवाद!!

अत्रुप्त आत्मा's picture

4 Jan 2016 - 4:41 am | अत्रुप्त आत्मा

@आशय थेट यावा अन् अंतरी भिडावा..
जन्मून सार्थ व्हावी.. रचना तशी असावी ! :- अप्रतिम.

कवितानागेश's picture

4 Jan 2016 - 5:38 am | कवितानागेश

रचना आवडली.

शैलेन्द्र's picture

4 Jan 2016 - 12:42 pm | शैलेन्द्र

Mast

विशाल कुलकर्णी's picture

4 Jan 2016 - 3:51 pm | विशाल कुलकर्णी

वाह, मस्तच ! वस्तुपाठच घालून दिलात .

अनुप ढेरे's picture

4 Jan 2016 - 3:55 pm | अनुप ढेरे

रचना कशी असावी...?

वि.ठा. यांना विचारा

राघव's picture

4 Jan 2016 - 10:29 pm | राघव

पुनःश्च आभार! अर्थात् मला हे फक्त कवितेसाठी म्हणून नव्हते म्हणायचे. :-)

यशोधरा's picture

4 Jan 2016 - 10:33 pm | यशोधरा

आवडली.