विदेश in जे न देखे रवी... 5 Sep 2013 - 7:36 pm ( चाल – उगवला चंद्र पुनवेचा ) “उसवला शर्ट नवीन पुन्हा, मज देई शिवुनिया-“ उखडला पति तिचा || "काही सुया अशा घुसल्या, सटकुनी अडकुनी तुटल्या, मम बघा रुधिर क्षती बोचल्या-" करुणरस तो गळु पडे, खवळता, पत्निचा || . करुणविडंबन प्रतिक्रिया मस्त 5 Sep 2013 - 7:45 pm | मुक्त विहारि झक्कास..
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5 Sep 2013 - 7:45 pm | मुक्त विहारि
झक्कास..