आई ..

विदेश's picture
विदेश in जे न देखे रवी...
31 Jan 2013 - 9:58 pm

ठेच लागता घाई घाई,
तोंडी नेमके आई आई ..

दु:खामधे मुखात येई
कसे नेमके आई आई ..

तळमळ जेव्हां जिवात होई
मनीं नेमके आई आई ..

समर प्रसंग सामोरी येई
स्मरण नेमके आई आई ..

बापाचा पाठी मार खाई
तोंडी नेमके आई आई ..

जन्म माणसा वाया जाई
म्हटले ना जर आई आई !
.

अद्भुतरसकविता

प्रतिक्रिया

आनन्दिता's picture

31 Jan 2013 - 10:38 pm | आनन्दिता

आय आय गो भारी जमलिय कविता.. चाल लावुन पण म्हणता येऊ शकेल...

अत्रुप्त आत्मा's picture

31 Jan 2013 - 10:40 pm | अत्रुप्त आत्मा

अतिश्शय छान.......!

श्रिया's picture

31 Jan 2013 - 10:45 pm | श्रिया

खुप छान आहे कविता!

मिसळलेला काव्यप्रेमी's picture

1 Feb 2013 - 9:47 am | मिसळलेला काव्यप्रेमी

खुप आवडली.

हासिनी's picture

1 Feb 2013 - 10:44 am | हासिनी

साधी, सोपी कविता मस्तच!
:)