किल्लेदार in कलादालन 31 Aug 2010 - 12:27 am मला जेव्हा स्वतः चाच राग येतो....................... " alt="" /> हे ठिकाण प्रतिक्रिया छान 31 Aug 2010 - 2:13 am | सुनील छान कल्पना! कुठलं सॉफ्टवेअर वापरलय? हाण्ण त्येज्यायला.. ति लाथ 31 Aug 2010 - 4:14 am | अनाम हाण्ण त्येज्यायला.. ति लाथ घालणारी पोझ लै आवडली किल्लेदार. =)) =)) झक्कास 31 Aug 2010 - 12:34 pm | बाबा योगीराज स॑क्लपना खूप आवड्ली...... सगळ छान जमलय............. ____________________________ काय चाललय? 31 Aug 2010 - 12:46 pm | विलासराव तिघे मिळुन एकटयाला का मारताय? camera man distoy savlit 31 Aug 2010 - 1:22 pm | कशिद camera man distoy savlit .. baki sankalpana sundar मीच 31 Aug 2010 - 4:11 pm | किल्लेदार camera man मीच आहे....:) भडकमकर 31 Aug 2010 - 4:30 pm | श्रावण मोडक भडकमकर मास्तरांची आठवण झाली. येवढा राग बरा नव्हे, त्या 31 Aug 2010 - 5:00 pm | ३_१४ विक्षिप्त अदिती येवढा राग बरा नव्हे, त्या बिचार्यावर थोडी दया दाखवा. गांधीजींनी काय सांगितलं आहे?? ;-) कारागिरी उत्तम! खुप छान 31 Aug 2010 - 6:40 pm | कशेडी घाट खुप छान डोकेबाज!! या एव्हढ्या जीव 31 Aug 2010 - 8:31 pm | स्पंदना डोकेबाज!! या एव्हढ्या जीव घेण्या हल्ल्यातुन वाचल्या बद्दल 'हैप्पी बर्डे' !! वा 31 Aug 2010 - 8:46 pm | राजेश घासकडवी इतक्या सुंदर सावल्या रंगवणं अशक्य आहे. तेव्हा तुम्ही चार (की पाच) वेगवेगळी एक्स्पोजर (एकाच फिल्मवर) घेतलीत हे कळलं. पण मला प्रश्न पडला आहे की मग पार्श्वभूमी तितपत जास्त भगभगीत का दिसत नाही? कसं केलंत ते समजावून सांगाच. झक्कास भावा ! 31 Aug 2010 - 11:13 pm | शाहरुख झक्कास भावा ! मस्त हं 31 Aug 2010 - 11:14 pm | प्रा.डॉ.दिलीप बिरुटे आम्हालाबी शिकवा ना राव हे टेक्नीक. -दिलीप बिरुटे किल्लेदार व्हा दिलदार का 1 Sep 2010 - 12:20 am | सूड किल्लेदार व्हा दिलदार का गरिबाला उगाच मार रागाला तर नकोच थार एक व्हा तुम्ही मैतर चार ;) ह्ये आपलं काहीतरी सुचलं त्ये.....बाकी फोटु झकास...आहात अगदी डोकेबाज.. लाईक 2 Sep 2010 - 2:08 am | डावखुरा लाईक वा... शॉलिट्ट कारागिरी 2 Sep 2010 - 9:46 am | मदनबाण वा... शॉलिट्ट कारागिरी :) श॑कर 4 Sep 2010 - 11:25 am | shiv shankar rajguru पन म्या म्हनतु यवडा सवताबद्द्ल राग कशापाइ पर फोटो लइ झाक काडलया येऊ का मदतीला 27 Aug 2014 - 9:40 pm | सवंगडी सध्या काय काम नाय भो …. येऊ का मदतीला ?
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31 Aug 2010 - 2:13 am | सुनील
छान कल्पना! कुठलं सॉफ्टवेअर वापरलय?
31 Aug 2010 - 4:14 am | अनाम
हाण्ण त्येज्यायला.. ति लाथ घालणारी पोझ लै आवडली किल्लेदार.
=)) =))
31 Aug 2010 - 12:34 pm | बाबा योगीराज
स॑क्लपना खूप आवड्ली......
सगळ छान जमलय.............
____________________________
31 Aug 2010 - 12:46 pm | विलासराव
तिघे मिळुन एकटयाला का मारताय?
31 Aug 2010 - 1:22 pm | कशिद
camera man distoy savlit ..
baki sankalpana sundar
31 Aug 2010 - 4:11 pm | किल्लेदार
camera man मीच आहे....:)
31 Aug 2010 - 4:30 pm | श्रावण मोडक
भडकमकर मास्तरांची आठवण झाली.
31 Aug 2010 - 5:00 pm | ३_१४ विक्षिप्त अदिती
येवढा राग बरा नव्हे, त्या बिचार्यावर थोडी दया दाखवा. गांधीजींनी काय सांगितलं आहे?? ;-)
कारागिरी उत्तम!
31 Aug 2010 - 6:40 pm | कशेडी घाट
खुप छान
31 Aug 2010 - 8:31 pm | स्पंदना
डोकेबाज!!
या एव्हढ्या जीव घेण्या हल्ल्यातुन वाचल्या बद्दल 'हैप्पी बर्डे' !!
31 Aug 2010 - 8:46 pm | राजेश घासकडवी
इतक्या सुंदर सावल्या रंगवणं अशक्य आहे. तेव्हा तुम्ही चार (की पाच) वेगवेगळी एक्स्पोजर (एकाच फिल्मवर) घेतलीत हे कळलं. पण मला प्रश्न पडला आहे की मग पार्श्वभूमी तितपत जास्त भगभगीत का दिसत नाही? कसं केलंत ते समजावून सांगाच.
31 Aug 2010 - 11:13 pm | शाहरुख
झक्कास भावा !
31 Aug 2010 - 11:14 pm | प्रा.डॉ.दिलीप बिरुटे
आम्हालाबी शिकवा ना राव हे टेक्नीक.
-दिलीप बिरुटे
1 Sep 2010 - 12:20 am | सूड
किल्लेदार व्हा दिलदार
का गरिबाला उगाच मार
रागाला तर नकोच थार
एक व्हा तुम्ही मैतर चार ;)
ह्ये आपलं काहीतरी सुचलं त्ये.....बाकी फोटु झकास...आहात अगदी डोकेबाज..
2 Sep 2010 - 2:08 am | डावखुरा
लाईक
2 Sep 2010 - 9:46 am | मदनबाण
वा... शॉलिट्ट कारागिरी :)
4 Sep 2010 - 11:25 am | shiv shankar rajguru
पन म्या म्हनतु यवडा सवताबद्द्ल राग कशापाइ
पर फोटो लइ झाक काडलया
27 Aug 2014 - 9:40 pm | सवंगडी
सध्या काय काम नाय भो …. येऊ का मदतीला ?