jagdish bhawsar in कलादालन 10 Jul 2010 - 12:28 pm कला प्रतिक्रिया :-) 10 Jul 2010 - 12:32 pm | सहज फ्रेंच एक्टर जेरार्ड डुपार्ड्यु ची आठवण आली. धन्यवाद 12 Jul 2010 - 6:53 am | jagdish bhawsar हो खरच...तो काहीसा तसाच दिसतो ...! मस्त 10 Jul 2010 - 1:15 pm | खादाड मस्त :) सह्ही! 10 Jul 2010 - 1:19 pm | यशोधरा सह्ही! मस्तच 10 Jul 2010 - 1:37 pm | पुष्करिणी मस्तच ! पुष्करिणी मस्त.... 10 Jul 2010 - 2:43 pm | प्रशु मस्त.... मस्तच!! पण 10 Jul 2010 - 2:50 pm | ३_१४ विक्षिप्त अदिती =)) =)) मस्तच!! पण एक शंका आहे: सलमानची एकूण ख्याती पहाता शरीर तुफान मोठं आणि डोकं अंमळ लहान असं हवं का त्याचं अर्कचित्रं? ;-) गुढग्यात 10 Jul 2010 - 8:26 pm | मुक्तसुनीत डोकं गुढग्यात पायजे ! ;-) बाकी चित्र लई भारी ! हो 12 Jul 2010 - 7:00 am | jagdish bhawsar हो तुमच बरोबरच आहे...पन मी त्याच्या चेहर्यात अर्क शोधण्याचा प्रयत्नं केला आहे हे ही छान 10 Jul 2010 - 2:54 pm | गणपा हे ही छान जगदिश साहेब. एक विनंती पाळलीच पाहीजे अस नाही :) एका चित्रासाठी एक धागा काढण्या परीस एका धाग्यात किमान ५ चित्रं टाकत चला. + १ 10 Jul 2010 - 2:57 pm | मेघवेडा मस्तच! +२ 10 Jul 2010 - 4:08 pm | सहज गणपा यांच्याशी सहमत आहे धन्यवाद 12 Jul 2010 - 7:03 am | jagdish bhawsar गनपत भाऊ,मी तुमच्या भवना समजु शकतो..... मस्त चित्र 10 Jul 2010 - 3:52 pm | अमोल केळकर मस्त चित्र अमोल केळकर -------------------------------------------------- भविष्याच्या अंतरंगात डोकावण्यासाठी इथे टिचकी मारा अरे सलमान 10 Jul 2010 - 6:27 pm | शुचि अरे सलमान आणि क्लीव्हेज नाही दाखवलं तुम्ही? चित्रं छान. सवतचि भासे मला| दूती नसे ही माला|| नच एकांती सोडी नाथा| भेटू न दे हृदयाला|| छान! 10 Jul 2010 - 7:28 pm | स्वाती२ छान! मस्तच 11 Jul 2010 - 1:46 am | धनंजय मस्तच. पण गणपांच्या विनंतीपेक्षा उलट विनंती. अशाच प्रकारे एक-एक चित्र कलाकुसरीने काढत राहा, आम्हाला एक-एक चित्र दाखवत रहा. पाच पक्वान्ने फतकन् ताटात एकत्र वाढली, तर एकही धड चवीने खाता येत नाही. धन्यवाद 12 Jul 2010 - 7:06 am | jagdish bhawsar लाखातली एक बोलता आहात....धन्यावाद..! मस्तच! 11 Jul 2010 - 2:01 am | चतुरंग उघड्या अंगाचा दाखवून, सलमान आहे हे पटवण्यापेक्षा बटबटीत डोळे आणि नाकाची विशिष्ठ ठेवण दाखवून खानावळीतला कोणता मेंबर आहे हे सांगणे जास्त कौतुकास्पद! ;) चतुरंग काय पण 11 Jul 2010 - 11:51 am | ३_१४ विक्षिप्त अदिती काय पण शब्द आहे ... खानावळ! =)) =)) पुन्हा एकदा ... अर्क आहे हे पण चित्रं! अदिती +१ 12 Jul 2010 - 6:47 am | सहज रंगारावांशी सहमत. काय पण शब्द आहे ... खानावळ! =)) =)) व्यंगचित्र 11 Jul 2010 - 8:45 pm | नेहमी आनंदी व्यंगचित्र असल तरी किती सुरेख आहे.. :? अ धन्यवाद !! 12 Jul 2010 - 6:45 am | jagdish bhawsar धन्यवाद !! लै लै लै 13 Jul 2010 - 12:08 am | बिपिन कार्यकर्ते लै लै लै भारी मित्रा... बिपिन कार्यकर्ते १ नम्बर 13 Jul 2010 - 7:33 pm | पुष्कर 8} १ नम्बर अर्क 17 Jul 2010 - 1:24 pm | तिमा उत्तम! सलमानचा स्त्रीलंपटपणा चेहेर्यात बरोब्बर उतरलाय. तो डोळा झक्कास!! हर शख्सको अपना बनाके देख लिया मिलेंगे ना किसीसे ये दिलमें ठानी है| जबरदस्त 19 Jul 2010 - 3:53 pm | टुकुल जबरदस्त रे... तुम्ही अशी चित्र कशी काढता हे थोडक्यात सांगता का? --टुकुल
प्रतिक्रिया
10 Jul 2010 - 12:32 pm | सहज
फ्रेंच एक्टर जेरार्ड डुपार्ड्यु ची आठवण आली.
12 Jul 2010 - 6:53 am | jagdish bhawsar
हो खरच...तो काहीसा तसाच दिसतो ...!
10 Jul 2010 - 1:15 pm | खादाड
मस्त :)
10 Jul 2010 - 1:19 pm | यशोधरा
सह्ही!
10 Jul 2010 - 1:37 pm | पुष्करिणी
मस्तच !
पुष्करिणी
10 Jul 2010 - 2:43 pm | प्रशु
मस्त....
10 Jul 2010 - 2:50 pm | ३_१४ विक्षिप्त अदिती
=)) =))
मस्तच!! पण एक शंका आहे: सलमानची एकूण ख्याती पहाता शरीर तुफान मोठं आणि डोकं अंमळ लहान असं हवं का त्याचं अर्कचित्रं? ;-)
10 Jul 2010 - 8:26 pm | मुक्तसुनीत
डोकं गुढग्यात पायजे ! ;-)
बाकी चित्र लई भारी !
12 Jul 2010 - 7:00 am | jagdish bhawsar
हो तुमच बरोबरच आहे...पन मी त्याच्या चेहर्यात अर्क शोधण्याचा प्रयत्नं केला आहे
10 Jul 2010 - 2:54 pm | गणपा
हे ही छान जगदिश साहेब.
एक विनंती पाळलीच पाहीजे अस नाही :)
एका चित्रासाठी एक धागा काढण्या परीस एका धाग्यात किमान ५ चित्रं टाकत चला.
10 Jul 2010 - 2:57 pm | मेघवेडा
मस्तच!
10 Jul 2010 - 4:08 pm | सहज
गणपा यांच्याशी सहमत आहे
12 Jul 2010 - 7:03 am | jagdish bhawsar
गनपत भाऊ,मी तुमच्या भवना समजु शकतो.....
10 Jul 2010 - 3:52 pm | अमोल केळकर
मस्त चित्र
अमोल केळकर
--------------------------------------------------
भविष्याच्या अंतरंगात डोकावण्यासाठी इथे टिचकी मारा
10 Jul 2010 - 6:27 pm | शुचि
अरे सलमान आणि क्लीव्हेज नाही दाखवलं तुम्ही? चित्रं छान.
सवतचि भासे मला| दूती नसे ही माला||
नच एकांती सोडी नाथा| भेटू न दे हृदयाला||
10 Jul 2010 - 7:28 pm | स्वाती२
छान!
11 Jul 2010 - 1:46 am | धनंजय
मस्तच.
पण गणपांच्या विनंतीपेक्षा उलट विनंती. अशाच प्रकारे एक-एक चित्र कलाकुसरीने काढत राहा, आम्हाला एक-एक चित्र दाखवत रहा.
पाच पक्वान्ने फतकन् ताटात एकत्र वाढली, तर एकही धड चवीने खाता येत नाही.
12 Jul 2010 - 7:06 am | jagdish bhawsar
लाखातली एक बोलता आहात....धन्यावाद..!
11 Jul 2010 - 2:01 am | चतुरंग
उघड्या अंगाचा दाखवून, सलमान आहे हे पटवण्यापेक्षा बटबटीत डोळे आणि नाकाची विशिष्ठ ठेवण दाखवून खानावळीतला कोणता मेंबर आहे हे सांगणे जास्त कौतुकास्पद! ;)
चतुरंग
11 Jul 2010 - 11:51 am | ३_१४ विक्षिप्त अदिती
काय पण शब्द आहे ... खानावळ! =)) =))
पुन्हा एकदा ... अर्क आहे हे पण चित्रं!
अदिती
12 Jul 2010 - 6:47 am | सहज
रंगारावांशी सहमत.
काय पण शब्द आहे ... खानावळ! =)) =))
11 Jul 2010 - 8:45 pm | नेहमी आनंदी
व्यंगचित्र असल तरी किती सुरेख आहे.. :? अ
12 Jul 2010 - 6:45 am | jagdish bhawsar
धन्यवाद !!
13 Jul 2010 - 12:08 am | बिपिन कार्यकर्ते
लै लै लै भारी मित्रा...
बिपिन कार्यकर्ते
13 Jul 2010 - 7:33 pm | पुष्कर
8} १ नम्बर
17 Jul 2010 - 1:24 pm | तिमा
उत्तम! सलमानचा स्त्रीलंपटपणा चेहेर्यात बरोब्बर उतरलाय. तो डोळा झक्कास!!
हर शख्सको अपना बनाके देख लिया
मिलेंगे ना किसीसे ये दिलमें ठानी है|
19 Jul 2010 - 3:53 pm | टुकुल
जबरदस्त रे...
तुम्ही अशी चित्र कशी काढता हे थोडक्यात सांगता का?
--टुकुल