आमचं गाव काय हे न्हवे. ते तिते तळकोकणात!!
किनार्यावरना गोरे आले, धर्मांतरं सुरु केल्यानी. भरीसभर शाहाची माणसा होतीच. मग आमच्या सासर्यांच्या पणजोबांनी सगळा बाडबिस्तारा उचलल्यानी नि आले हिकडे आडगावात!! चांगली जागा बघून घर बांधू म्हटले, गावकरी सांगत जागा बरी नाय. दुसर्या कुटंव्ह बांदा पण हिते नको. पणजोबा पण खमके, घर बांधून दाखवलंनी.
सगळं नीट झालं, घर बांधून गाठीस पयशे र्हायले. म्हयन्याभरान घरभरणीचा मुहूर्त काढल्यानी.
पणजीबाई पंगतीसाठीचे तांदूळ सडायला म्हणून उभ्या र्हायल्या नि दोन घाव घातले नाय की लकाटल्या. विंचवान सरळ टाळूवरच डंख मारलान.
"मोठी सून फार जगत नाय ह्या जागेत", असं गावकरी म्हटले होते. ती पणजीबाईंपासना चाललेली परंपरा माझ्यापर्यंत चालल्ये.
प्रतिक्रिया
14 Aug 2015 - 3:41 pm | पगला गजोधर
मतकरी श्तायल !
14 Aug 2015 - 3:46 pm | नाव आडनाव
+१
14 Aug 2015 - 3:58 pm | मधुरा देशपांडे
+१
शीर्षक फकत कळले नाही. सामक्षा म्हणजे?
14 Aug 2015 - 4:01 pm | सूड
सामक्षा म्हणजे एखाद्या गोष्टीची प्रचिती (?), अनुभव येणे. गोष्ट सिद्ध करणारा पुरावा!!
14 Aug 2015 - 4:13 pm | मधुरा देशपांडे
ओके. धन्यवाद.
15 Aug 2015 - 10:16 am | चाणक्य
.
14 Aug 2015 - 4:10 pm | शलभ
+१
14 Aug 2015 - 4:13 pm | द-बाहुबली
कुल कथा.
14 Aug 2015 - 4:33 pm | आदूबाळ
कथेच्या नावासाठी +१. कितीतरी दिवसांनी वाचला हा शब्द.
14 Aug 2015 - 4:47 pm | जगप्रवासी
+१
14 Aug 2015 - 4:54 pm | चाफा
बाब्बो ! आता कस हुनार ?
14 Aug 2015 - 5:03 pm | पैसा
+१
मस्त कथा!
14 Aug 2015 - 5:20 pm | तुषार काळभोर
गोष्ट सांगण्याची ष्टाईल आवल्डी!
14 Aug 2015 - 6:12 pm | पद्मावति
+१
14 Aug 2015 - 6:14 pm | मृत्युन्जय
+१
14 Aug 2015 - 6:24 pm | बबन ताम्बे
+१
14 Aug 2015 - 6:35 pm | किसन शिंदे
+१
आमच्या गावाला नेहमी वापरतात हा शब्द.
14 Aug 2015 - 6:36 pm | gogglya
+१
14 Aug 2015 - 6:37 pm | मितान
+१
14 Aug 2015 - 6:42 pm | माम्लेदारचा पन्खा
सुंदर आठवण......
14 Aug 2015 - 6:59 pm | जडभरत
+१
14 Aug 2015 - 7:24 pm | पिलीयन रायडर
+१
14 Aug 2015 - 7:29 pm | सौंदाळा
+१
14 Aug 2015 - 9:03 pm | अंतु बर्वा
+१
14 Aug 2015 - 9:05 pm | कॅप्टन जॅक स्पॅरो
+१
14 Aug 2015 - 9:45 pm | सौन्दर्य
+१
14 Aug 2015 - 9:56 pm | स्रुजा
+१
14 Aug 2015 - 9:59 pm | एक एकटा एकटाच
+१
14 Aug 2015 - 10:12 pm | अजया
+१
14 Aug 2015 - 10:29 pm | राघवेंद्र
+१
15 Aug 2015 - 12:16 am | डॉ सुहास म्हात्रे
+१
15 Aug 2015 - 12:26 am | यशोधरा
+१
15 Aug 2015 - 1:55 am | अन्या दातार
+१
15 Aug 2015 - 2:01 am | तुमचा अभिषेक
आवडली :)
15 Aug 2015 - 5:31 am | अनन्त अवधुत
कथा आवडली
15 Aug 2015 - 9:29 am | देशपांडे विनायक
+१
15 Aug 2015 - 2:49 pm | जेपी
+1
15 Aug 2015 - 3:34 pm | प्यारे१
>>>> पणजीबाईंपासना चाललेली परंपरा माझ्यापर्यंत चालल्ये.
हे 'अत्मनिवेदन' आहे तर 'अत्म्या'चे.
सामक्षा म्हणजे प्रचिती हे पहिल्यांदा समजलं.
+१
15 Aug 2015 - 4:10 pm | नूतन सावंत
+१
15 Aug 2015 - 4:10 pm | नूतन सावंत
+१
15 Aug 2015 - 4:12 pm | अभ्या..
+१
बेस्ट सुडक्या
15 Aug 2015 - 5:42 pm | वैभव जाधव
+१
छान
15 Aug 2015 - 6:29 pm | रेवती
+१.