अनन्त्_यात्री in जे न देखे रवी... 15 Jul 2021 - 2:46 pm अज्ञाताच्या ऐलतिरावर ज्ञाताचे ओझे खांद्यावर वाहुनी थकण्या आधी थोडे पैलतिरा घालीन उखाणे नश्वरतेचे लेवुनी लेणे चिरंतनाचे गाता गाणे शून्यत्वाच्या अथांगातुनी झरेल अविरत कैवल्याचे टिपूर चांदणे अव्यक्तमुक्तक प्रतिक्रिया कैवल्याच्या चांदण्याला 15 Jul 2021 - 2:55 pm | गॉडजिला भुकेला चकोर... मस्त.. नेहमी प्रमाणेच सुरेख 15 Jul 2021 - 3:11 pm | ज्ञानोबाचे पैजार मस्त.. नेहमी प्रमाणेच सुरेख पैजारबुवा, मस्त. 15 Jul 2021 - 5:31 pm | Bhakti मस्त. रचना उत्तम आहे 16 Jul 2021 - 11:02 am | चांदणे संदीप आम्ही आपले साधेपणाने म्हणतो... "रात्रीच्या ओठावर फुलते, मुक्त आमचे हासणे वाढवू शोभा नभाची, टिपूर आम्ही चांदणे" सं - दी - प सुंदर रचना ! 17 Jul 2021 - 9:33 pm | मदनबाण सुंदर रचना ! मदनबाण..... आजची स्वाक्षरी : - श्री शिवभारत [ डाउनलोड लिंक ] प्रतिसाद देणार्या 18 Jul 2021 - 11:23 am | अनन्त्_यात्री सर्व कवितारसिकांना धन्यवाद.
प्रतिक्रिया
15 Jul 2021 - 2:55 pm | गॉडजिला
भुकेला चकोर...
15 Jul 2021 - 3:11 pm | ज्ञानोबाचे पैजार
मस्त.. नेहमी प्रमाणेच सुरेख
पैजारबुवा,
15 Jul 2021 - 5:31 pm | Bhakti
मस्त.
16 Jul 2021 - 11:02 am | चांदणे संदीप
आम्ही आपले साधेपणाने म्हणतो...
"रात्रीच्या ओठावर फुलते, मुक्त आमचे हासणे
वाढवू शोभा नभाची, टिपूर आम्ही चांदणे"
सं - दी - प
17 Jul 2021 - 9:33 pm | मदनबाण
सुंदर रचना !
मदनबाण.....
आजची स्वाक्षरी : - श्री शिवभारत [ डाउनलोड लिंक ]
18 Jul 2021 - 11:23 am | अनन्त्_यात्री
सर्व कवितारसिकांना धन्यवाद.