अस्थी

अत्रुप्त आत्मा's picture
अत्रुप्त आत्मा in जे न देखे रवी...
26 Nov 2015 - 8:29 pm

देह माझा राहिला ना मी ही कोठे राहिलो
शोधता माझ्या मला मी मुळी न कोठे राहिलो

होत होतो या जगी मी मानवी देहात ना!?
पाश ते सुटले आता अन अस्थि रूपी राहिलो

वाहिलि ती राख माझी पंचप्राणा सोडली
पंचभूतांच्या प्रमाणे त्यातला मी जाहलो

काय मागे ठेविलें मी ते सखे नी सोबती
आज त्यांच्या आठवणितुन रिक्त मी ही जाहलो

यायचे आहे फिरोनि या इथे पुन्हा पुन्हा
जायचे का मग इथोनी???चित्र पाहत राहिलो

रे मना तो मोक्ष कोणा का कधी मिळतो कुठे?
मोक्ष असता जन्म का मग? हेच शोधित राहिलो

संपला हा जन्म इथवर भेटलो पुन्हा कुठे!!!
याद माझी राहिली..तर सत्य-मुक्ति पावलो!

शांतरससंस्कृतीकविता

प्रतिक्रिया

जव्हेरगंज's picture

26 Nov 2015 - 8:32 pm | जव्हेरगंज

मस्त हो!

अभ्या..'s picture

26 Nov 2015 - 8:32 pm | अभ्या..

बेस्ट बेस्ट गुर्जी
"चित्र पाहत राहिलो" ह्या ओळीचा अर्थ काही लागेना.
बाकी अप्रतिम रचना.

अत्रुप्त आत्मा's picture

26 Nov 2015 - 8:40 pm | अत्रुप्त आत्मा

जन्म मृत्युच्या (तथाकथित)चक्रातलि विसंगति ..तीच मनावर उमटलेल ..चित्र पाहत राहिलो!

ओ काय बुवा हे तिकडे ते अकु न इकडे तुम्ही मिपाला घाबरावायच कॉन्ट्रैक्ट घेतल काय :प तरिपन कविता आवडली ऎसे नमूद करते :)

अत्रुप्त आत्मा's picture

26 Nov 2015 - 9:12 pm | अत्रुप्त आत्मा

नाय ग बाय... कुणाला घाबरवायच नाय...कुठेतरी मनात साठलेली होती...अत्ता बाहेर आली ..इतकेच!

गौरी लेले's picture

26 Nov 2015 - 8:51 pm | गौरी लेले

सुंदर :)

सतिश गावडे's picture

26 Nov 2015 - 9:08 pm | सतिश गावडे

गौरीशी सहमत.

सूड's picture

26 Nov 2015 - 9:14 pm | सूड

+ १
मी पण!!

प्रचेतस's picture

26 Nov 2015 - 9:26 pm | प्रचेतस

मीही.

बॅटमॅन's picture

27 Nov 2015 - 3:14 pm | बॅटमॅन

मीही.

नाखु's picture

27 Nov 2015 - 4:57 pm | नाखु

मी सुद्धा......

वपाडाव's picture

27 Nov 2015 - 5:17 pm | वपाडाव

मीही

प्रसाद गोडबोले's picture

27 Nov 2015 - 5:25 pm | प्रसाद गोडबोले

मीही

सस्नेह's picture

27 Nov 2015 - 5:27 pm | सस्नेह

मीपण

रातराणी's picture

26 Nov 2015 - 9:00 pm | रातराणी

सुंदर!!

परिकथेतील राजकुमार's picture

26 Nov 2015 - 9:18 pm | परिकथेतील राजकुमार

आवडेश एकदम.

अजया's picture

26 Nov 2015 - 9:19 pm | अजया

कोण ;)
छान कविता गुरुजी.

कंजूस's picture

26 Nov 2015 - 9:25 pm | कंजूस

हाडाचे कवी.

कंजूस's picture

26 Nov 2015 - 9:25 pm | कंजूस

हाडाचे कवी.

नाव आडनाव's picture

26 Nov 2015 - 9:31 pm | नाव आडनाव

आवडली.

विशाल कुलकर्णी's picture

26 Nov 2015 - 9:41 pm | विशाल कुलकर्णी

रे मना तो मोक्ष कोणा का कधी मिळतो कुठे?
मोक्ष असता जन्म का मग? हेच शोधित राहिलो

हे आवडलं ! मस्तच ...

एस's picture

26 Nov 2015 - 10:08 pm | एस

कविता आवडली, कविता म्हणूनही आणि तत्त्वज्ञान म्हणूनही..!

पर्ण's picture

26 Nov 2015 - 10:17 pm | पर्ण

खूप छान

पैसा's picture

26 Nov 2015 - 10:17 pm | पैसा

सुरेख!

पद्मावति's picture

26 Nov 2015 - 10:18 pm | पद्मावति

वाह! सुंदर.

एक एकटा एकटाच's picture

27 Nov 2015 - 12:15 am | एक एकटा एकटाच

वा वा वा!!!!!

नाखु's picture

27 Nov 2015 - 3:11 pm | नाखु

मस्त कवीता...

यमकी गुरुजींची खमकी कवीता

बॅटमॅन's picture

27 Nov 2015 - 3:14 pm | बॅटमॅन

एक नंबर!!!!

प्रियाजी's picture

27 Nov 2015 - 3:30 pm | प्रियाजी

कविता खूप आवडली. मनाला अंतर्मूख करून गेली. पण "होत होतो या जगी मी मानवी देहात ना!?" ही ओळ मात्र कळली नाही.

अन्नू's picture

27 Nov 2015 - 3:37 pm | अन्नू

सुंदर कविता. आवडेश ___/\___

चाणक्य's picture

27 Nov 2015 - 3:50 pm | चाणक्य

आवडली.

सस्नेह's picture

27 Nov 2015 - 5:28 pm | सस्नेह

अंतर्मुख करणारी कविता !
अवांतर : बुवा लैच्च शिरेस झाले बॉ !

विश्वव्यापी's picture

27 Nov 2015 - 5:29 pm | विश्वव्यापी

सुंदर कविता

पालीचा खंडोबा १'s picture

28 Nov 2015 - 2:58 pm | पालीचा खंडोबा १

काय मागे ठेविलें मी ते सखे नी सोबती
आज त्यांच्या आठवणितुन रिक्त मी ही जाहलो

वाचून खुळा झालो ह्या दोन कडव्यात सगळे सार आहे हो

कविता१९७८'s picture

28 Nov 2015 - 3:11 pm | कविता१९७८

मस्त

अत्रुप्त आत्मा's picture

28 Nov 2015 - 11:46 pm | अत्रुप्त आत्मा

सर्व वाचक प्रतिसादकांना धन्यवाद

वाह. जीवनचक्रा ही तुझी कहाणी..