भगवंत....

Jayagandha Bhatkhande's picture
Jayagandha Bhat... in जे न देखे रवी...
26 Feb 2021 - 9:17 am

भगवंत..!!

भुकेल्यास देई अन्न,
दुर्बलास धीर,
आंधळ्याची काठी होई,
तोच खरा थोर...

दीनजन सेवेसाठी,
झिजवी "तो" शरीर,
याचकासि कर्ण होई,
तोच खरा थोर...

तान्हुल्यास क्षीर देई,
तृषार्तास नीर,
कुणा द्रौपदीस चीर देई,
तोच खरा थोर...

अनाथांची होई माय,
शत्रुपुढे वीर,
पतितांना उद्धरुन नेई,
तोच खरा थोर...

कुणी म्हणती गुरु त्याला,
कुणी म्हणे संत,
सर्वांतरी तोच आहे,
माझा भगवंत.....!!!

जयगंधा..
२४-२-२०२१.

कविता माझीकविता

प्रतिक्रिया

गणेशा's picture

27 Feb 2021 - 9:38 pm | गणेशा

तान्हुल्यास क्षीर देई,
तृषार्तास नीर,
कुणा द्रौपदीस चीर देई,
तोच खरा थोर...

भारी..

Jayagandha Bhatkhande's picture

4 Mar 2021 - 1:24 pm | Jayagandha Bhat...

धन्यवाद

राघव's picture

1 Mar 2021 - 12:27 pm | राघव

चांगली आहे रचना. आवडली.

Jayagandha Bhatkhande's picture

4 Mar 2021 - 1:22 pm | Jayagandha Bhat...

धन्यवाद

Bhakti's picture

1 Mar 2021 - 8:53 pm | Bhakti

सर्वांतरी तोच आहे,
माझा भगवंत.....!

Jayagandha Bhatkhande's picture

4 Mar 2021 - 1:23 pm | Jayagandha Bhat...

धन्यवाद