तू सांग रे माझ्या प्रीत फुला
शब्दात कसे सांगू मी तुला,
प्रेम हे माझे अवखळ वेडे
कळेल का नजरेत तुला..
तू सांग रे माझ्या प्रीत फुला
नजरेत कसे सांगू मी तुला,
तुझीच स्वप्ने रंगवली मी
दिसेल का स्वप्नात तुला..
तू सांग रे माझ्या प्रीत फुला
स्वप्नात कसे हे दिसेल तुला,
तुझ्याचसाठी झुरणे माझे
कळेल का सत्यात तुला..
प्रतिक्रिया
18 Jul 2018 - 12:06 pm | श्वेता२४
गेय कविता
18 Jul 2018 - 1:13 pm | Secret Stranger
गेय ???
18 Jul 2018 - 1:30 pm | श्वेता२४
कुणी चांगली चाल लावली तर छानसं गाणं होईल याचं. गाता येईल अशी
18 Jul 2018 - 1:53 pm | Secret Stranger
अच्छा तशी होय... धन्यवाद..
19 Jul 2018 - 8:59 pm | शाली
'वाट पाहुनी जीव शिणला'च्या चालीत म्हणता येईल. फक्त 'गडनी सखे गडनी' साठी एखादी ओळ ॲड करावी लागेल :)
20 Jul 2018 - 11:41 am | Secret Stranger
धन्यवाद.. नक्कीच प्रयत्न करेन.
20 Jul 2018 - 12:57 pm | ज्ञानोबाचे पैजार
या गाण्याला सांग सांग भोलानाथ ची चाल बरोबर बसते आहे...
पैजारबुवा,
20 Jul 2018 - 1:04 pm | Secret Stranger
प्रयत्न करून पाहतो.
20 Jul 2018 - 2:05 pm | Mak Mohan
20 Jul 2018 - 2:05 pm | Mak Mohan
20 Jul 2018 - 2:05 pm | Mak Mohan
20 Jul 2018 - 2:06 pm | Mak Mohan
20 Jul 2018 - 2:06 pm | Mak Mohan
20 Jul 2018 - 2:07 pm | Mak Mohan
20 Jul 2018 - 2:07 pm | Mak Mohan
20 Jul 2018 - 2:08 pm | Mak Mohan
व्वा... खुपचं सुंदर काव्यपंक्ती..मजा आली..
येऊद्या अजून..प्रतीक्षेत
20 Jul 2018 - 3:16 pm | Secret Stranger
खूप खूप धन्यवाद.
अजून नक्कीच येतील..
20 Jul 2018 - 2:34 pm | सतिश गावडे
"तुम तो ठेहरे परदेशी" ही चाल पण लागते.
20 Jul 2018 - 3:17 pm | Secret Stranger
करून पाहतो..