अमित रेडीज in जे न देखे रवी... 24 Aug 2017 - 4:50 pm ढग भरून आले कि नेहमीच पाऊस पडतो पण मन भरून आलं कि त्याला एकांताचाच कोपरा लागतो चारोळ्या प्रतिक्रिया वा छान ! 24 Aug 2017 - 10:18 pm | धर्मराजमुटके आवडली आभारी आहे :) 29 Aug 2017 - 1:57 am | अमित रेडीज आभारी आहे :) सुंदर 29 Aug 2017 - 12:12 am | ज्योति अळवणी सुंदर धन्यवाद 29 Aug 2017 - 1:57 am | अमित रेडीज धन्यवाद
प्रतिक्रिया
24 Aug 2017 - 10:18 pm | धर्मराजमुटके
आवडली
29 Aug 2017 - 1:57 am | अमित रेडीज
आभारी आहे :)
29 Aug 2017 - 12:12 am | ज्योति अळवणी
सुंदर
29 Aug 2017 - 1:57 am | अमित रेडीज
धन्यवाद