वारी

आनंदमयी's picture
आनंदमयी in जे न देखे रवी...
5 Jul 2014 - 8:13 am

श्वासांतून वाहे
सावळा मुरारी..
पायी चाले वारी
पंढरीची||

सावळ्या डोहात
सावळा तरंग
भक्तिरूपी दंग
वारकरी||

बंधने जुनी का
भासती विजोड
देहा लागे ओढ
विठ्ठलाची..||

अधिरश्या जिवा
पावलांची साथ
वसे अंतरात
भक्तियोग ||

पाहता लोचनी
विठ्ठल सावळा
तप्त जीव भोळा
श्रांत होई ||

विष्णुरूपी लीन
होवून मरावे
अंतास उरावे
विष्णूरूप ||

अदिती जोशी

अभय-काव्यसंस्कृती

प्रतिक्रिया

अत्रुप्त आत्मा's picture

5 Jul 2014 - 9:14 am | अत्रुप्त आत्मा

सहज सरळ असे
काव्य भक्तिरूप
मना भावे खूप
वाचताना...

आयुर्हित's picture

5 Jul 2014 - 9:51 am | आयुर्हित

छान व मनाला भावनारी कविता.

फक्त एक बदल सुचवू इच्छितो:
विष्णुरूपी लीन
होवून जगावे
अंतास उरावे
विष्णूरूप ||

कवितानागेश's picture

5 Jul 2014 - 10:08 am | कवितानागेश

साधी सोपी गोड कविता. :)

किसन शिंदे's picture

6 Jul 2014 - 9:04 am | किसन शिंदे

आवडलं!

मदनबाण's picture

6 Jul 2014 - 9:06 am | मदनबाण

सुरेख... :)

मदनबाण.....
आजची स्वाक्षरी :- Aaj Phir Tumpe Pyaar Aaya Ha... ;) :- Hate Story 2

अनुप ढेरे's picture

6 Jul 2014 - 10:10 am | अनुप ढेरे

आवडली कविता.
एक शंका: देवद्वार वृत्त यालाच म्हणतात का?

अर्धवटराव's picture

6 Jul 2014 - 10:20 am | अर्धवटराव

एकदम मनभावन.

प्यारे१'s picture

6 Jul 2014 - 11:56 am | प्यारे१

सुंदर.

आयुर्हित ह्यांनी सुचवलेला बदल जास्त समर्पक.