काही बाही

दीप्या's picture
दीप्या in जे न देखे रवी...
19 Mar 2010 - 11:36 pm

बरीच घरे ......बरी>>>>>>>च घरे ! घ री च बरे !!

हास्यमांडणी

प्रतिक्रिया

शुचि's picture

19 Mar 2010 - 11:43 pm | शुचि

काळे काकूंनी काळे काकांचे चेरीच्या कामाचे कोरे रकरीत कागद काळ्या कात्रीने राकरा कापून काढले की .
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
जितनी दिल की गहराई हो उतना गहरा है प्याला, जितनी मन की मादकता हो उतनी मादक है हाला,
जितनी उर की भावुकता हो उतना सुन्दर साकी है,जितना ही जो रसिक, उसे है उतनी रसमय मधुशाला।।