नवे लेखन
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मिसळपाव.कॉमवर प्रकाशित झालेले सर्व प्रकारचे नवीन साहित्य येथे बघता येईल.
प्रकार | लेख | लेखक | प्रतिक्रिया |
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जे न देखे रवी... | कधी सांगु शकलो नाही तुम्हाला...... | चिंतामणराव | 1 |
जनातलं, मनातलं | पहिल्या मराठी विश्व साहित्य संमेलनाध्यक्षांची 'मिसळपावसाठी' एक धावती मुलाखत | प्रा.डॉ.दिलीप बिरुटे | 35 |
जनातलं, मनातलं | आमचा एक विषाणू दिवस | देवदत्त | 5 |
जनातलं, मनातलं | एक स्वप्न प्रवास (९) | विजुभाऊ | 4 |
काथ्याकूट | शिशु वर्ग | विनायक प्रभू | 32 |
जनातलं, मनातलं | सुरस आणि चमत्कारिक | सन्जोप राव | 18 |
जे न देखे रवी... | (...आदिम घास...) | चतुरंग | 4 |
जे न देखे रवी... | झाडाच्या मुळांना मला एकदा विचारायचंय... | अविनाश ओगले | 3 |
जनातलं, मनातलं | जो भी बिछडें है, कब मिले है फराज़.... | मनिष | 12 |
काथ्याकूट | प्रदिप दळवीच्या लेखनाविषयी आपले मत | सुलक्षणा | 19 |
जे न देखे रवी... | सल ... | मनीषा | 3 |
जे न देखे रवी... | जोक | सत्या | 6 |
जनातलं, मनातलं | माझे फोटो - सूर्यास्त | ईश्वरी | 33 |
काथ्याकूट | चुंबकीय क्षेत्र आणि प्राण्यांची उभी रहाण्याची दिशा | ३_१४ विक्षिप्त अदिती | 81 |
जनातलं, मनातलं | वाचु आनंदे! | सौरभ वैशंपायन | 13 |
जे न देखे रवी... | पाहुनी तुमची सोंगेढोंगे | शंकर पु. देव | 1 |
जे न देखे रवी... | फाळणी | सौरभ वैशंपायन | 9 |
जनातलं, मनातलं | उरले ऊरांत काही आवाज चांदण्यांचे..... | उदय सप्रे | 2 |
जे न देखे रवी... | मिसळपावार आमचे लेखनाचे शतक | श्रीकृष्ण सामंत | 20 |
काथ्याकूट | प्रो.देसाई म्हणतात, | श्रीकृष्ण सामंत | 2 |
काथ्याकूट | एक प्रश्न.... | विसोबा खेचर | 66 |
जनातलं, मनातलं | ज्ञानियांच्या मेळ्यामध्ये | अंकुश चव्हाण | 16 |
काथ्याकूट | हरी पुत्तर अँड दी हाफ बेक्ड लॉ सूट ... | विकास | 1 |
काथ्याकूट | भारनियमनाचा भार | देवदत्त | 19 |
जनातलं, मनातलं | नाहि चिरा...नाहि पणती.... | सौरभ वैशंपायन | 5 |
जनातलं, मनातलं | छायाचित्र | शितल | 18 |
पाककृती | प्लम सुफले | स्वाती दिनेश | 5 |
जनातलं, मनातलं | हू एम आय! | प्राजु | 69 |
जनातलं, मनातलं | छायाचित्रे - तोरणागड. | शितल | 24 |
जे न देखे रवी... | स्पर्श तुझ्या शब्दांचा... | अंकुश चव्हाण | 2 |
जे न देखे रवी... | हा पहाटवारा... | अंकुश चव्हाण | 3 |
जनातलं, मनातलं | जय हो | अमेयहसमनीस | 2 |
जनातलं, मनातलं | माझी रेखाटने- कृष्ण | सैरंध्री | 34 |
काथ्याकूट | ऍसेट. | विनायक प्रभू | 25 |
जनातलं, मनातलं | प्रश्नांत खरोखर जग जगते | अरुण मनोहर | 1 |
जनातलं, मनातलं | आता दोषारोपाना जागा नाही आता फक्त प्रेम. | श्रीकृष्ण सामंत | 2 |
जे न देखे रवी... | रिता गाभारा ..... | मनीषा | 8 |
जनातलं, मनातलं | गाणी : खणखणीत नाणी | आपला अभिजित | 3 |
जनातलं, मनातलं | प्रति(मा)भा उरी धरूनी तू काव्य करीत रहावे | श्रीकृष्ण सामंत | 7 |
पाककृती | पालक भजी | Sanika | 3 |
जे न देखे रवी... | शोध | वैशाली हसमनीस | 6 |
काथ्याकूट | वेड्या बहीणीची रे वेडी माया | विकास | 21 |
विशेष | मिपा संपादकीय - संगणक आणि मराठी साहित्य. | संपादक | 36 |
जनातलं, मनातलं | विंदाना वाढ्दिवसाच्या शुभेछ्या! | केशवराव | 6 |
जे न देखे रवी... | आवाहन | राघव | 8 |
जनातलं, मनातलं | बाजीरावांची टोलेबाजी:७: दहीहंडी आणि गोविंदा! | बाजीराव | 2 |
जे न देखे रवी... | तुला खात्री आहे? | ऋषिकेश | 6 |
काथ्याकूट | अभिनंदन पुणे आणी पुणेकर्स | टारझन | 41 |
जनातलं, मनातलं | मधुशाला - एक मुक्तचिंतन आणि भावानुवाद (भाग ९) | चतुरंग | 20 |
जनातलं, मनातलं | माझीही काही रेखाटने - लहान बाळे | सैरंध्री | 32 |
काथ्याकूट | 'बिग बॉस' आणि तुमचं मत ! | संदीप चित्रे | 14 |
काथ्याकूट | प्रो.देसाई काय म्हणतात. | श्रीकृष्ण सामंत | 4 |
काथ्याकूट | काश्मिरबद्दल अरूंधती रॉय : अनर्गल? | विसुनाना | 38 |
जे न देखे रवी... | हुरहुर | अरुण मनोहर | 14 |
जे न देखे रवी... | राती आभाळ रडलं | अनिल भारतियन | 4 |
पाककृती | वेज फ्राय | चटोरी वैशू | 6 |
काथ्याकूट | वादग्रस्त, चाकोरीबाहेरची, धक्कादायक पुस्तकं | मेघना भुस्कुटे | 58 |
जनातलं, मनातलं | रशिया-जॉर्जिया युध्दातील विरोधाभास | चिन्या१९८५ | 33 |
काथ्याकूट | भारताला कुस्ती मधे ब्रोन्झ पदक !!! | विदुषक | 17 |
जे न देखे रवी... | जायचे होते कुठे पण... | शंकर पु. देव | 1 |
काथ्याकूट | सत्यनारायण.. | प्राजु | 15 |
जनातलं, मनातलं | गणेशोत्सव | ऐका दाजीबा | 10 |
पाककृती | नारळीभात.. | प्राजु | 6 |
जनातलं, मनातलं | स्वामी अभिनयाचा `ऑफर'विना भिकारी! | आपला अभिजित | 2 |
जनातलं, मनातलं | आता काय करावं? नसत लचांड... :( | मनिष | 8 |
जनातलं, मनातलं | एक सुवर्णयोग !!! | वैशाली हसमनीस | 4 |
जे न देखे रवी... | १६ ऑगस्ट. | रामदास | 14 |
जनातलं, मनातलं | मंदाची बाईआज्जी | श्रीकृष्ण सामंत | 3 |
जे न देखे रवी... | उधळीत जा ग फुले मोग-याची | अनिल भारतियन | 0 |
जनातलं, मनातलं | काही पुणेरी पाट्या | आगाऊ कार्टा | 3 |