कहीं ये वो तो नही

प्रज्ञादीप's picture
प्रज्ञादीप in जे न देखे रवी...
26 Mar 2021 - 1:34 pm

मुळ गीत - जरासी आहट होती है तो दिल सोचता है ,कही ये वो तो नही

जब whatsapp पे unknown no से Hii का massage आता है
तो दिल सोचता है कहीं ये वो तो नही ....

जब भी instagram पे profile photo change करती हुं
follower न होने के बावजुद भी massage request आती है nice DP
है ये उसीकी अदा ...है ये उसीकी सदा
कहीं ये वो तो नही .....

दिल में उठती है धडधडीसी
नस-नस में मचलने लगी चिंगारीसी
जब किसी नं से blanck call आता है
और सुनने में आता है बस अखियोंका पानी
...कहीं ये वो तो नहीं ..कहीं ये वो तो नहीं

कविता

प्रतिक्रिया

उपयोजक's picture

27 Mar 2021 - 10:48 am | उपयोजक

हिंदी हीच मराठीची प्रथम क्रमांकाची शत्रू आहे.

आगाऊ म्हादया......'s picture

17 Apr 2021 - 9:26 pm | आगाऊ म्हादया......

असंही असतं?