तृप्ति २३ in जे न देखे रवी... 28 Dec 2019 - 4:01 pm Whatsapp Romantic Shayari खामोश दिल हमारा सब कुछ सह लेता है…. तेरी याद मे शायद ये दिल युही रोये जाता है… https://www.truptisshayari.com/whatsapp-romantic-shayari gazalकविता माझीकविताप्रेमकाव्यगझल प्रतिक्रिया सद्यस्थितीवर...अजहर नकवीचा शेर. 22 Mar 2020 - 6:28 pm | प्रा.डॉ.दिलीप बिरुटे शहर गुम-सुम रास्ते सुनसान घर ख़ामोश हैं क्या बला उतरी है क्यूँ दीवार-ओ-दर ख़ामोश हैं -दिलीप बिरुटे वाह, बढीया ! 22 Mar 2020 - 8:41 pm | चौथा कोनाडा वाह, बढीया ! आज अक्षरशः यातला शब्दनशब्द अनुभवला ! शायर बन न पाये हम 23 Mar 2020 - 1:56 am | सुबोध खरे शायर बन न पाये हम की मुहोब्बत मे दिल न टूटा हमारा! एक कसक सी रह गयी दिल मे जिनसे की मुहोब्बत शादी उन्हीसे हो गई! शायर बन न पाये हम 23 Mar 2020 - 1:56 am | सुबोध खरे शायर बन न पाये हम की मुहोब्बत मे दिल न टूटा हमारा! एक कसक सी रह गयी दिल मे जिनसे की मुहोब्बत शादी उन्हीसे हो गई! उडा देती है नींदे 23 Mar 2020 - 2:00 am | सुबोध खरे उडा देती है नींदे कुछ जिम्मेदारीयां घर की... रात में जागनेवाला हर शख्स आशिक नहीं होता! सही. 23 Mar 2020 - 8:23 am | प्रा.डॉ.दिलीप बिरुटे डॉक्टर साहेब, स्वागत. येऊ द्या अजुन. -दिलीप बिरुटे वाह, मस्तच ! 23 Mar 2020 - 1:06 pm | चौथा कोनाडा वाह, मस्तच ! ले चला जान मेरी रूठ के जाना 23 Mar 2020 - 4:56 pm | सूक्ष्मजीव ले चला जान मेरी रूठ के जाना तेरा ऐसे आने से तो बेहतर था न आना तेरा........... अर्ज है.,. 31 Aug 2021 - 10:28 pm | प्रा.डॉ.दिलीप बिरुटे मुझे मालूम नहीं मेरी आखों को तलाश किसकी है, तुझे देखता हूँ तो मंजिल का एहसास होता है। - दिलीप बिरुटे क्या बात… क्या बात… 31 Aug 2021 - 10:48 pm | टर्मीनेटर क्या बात… क्या बात… अभी वक्त है कुछ तो लिखो गालिब 31 Aug 2021 - 10:50 pm | टर्मीनेटर अभी वक्त है कुछ तो लिखो गालिब…. वरना नाम के आगेसे ‘मिर्झा’ हट जाएगा… - टर्मीनेटर हा हा 31 Aug 2021 - 11:16 pm | प्रा.डॉ.दिलीप बिरुटे मस्त होता. अर्ज है...लकी फारुकी हसरतचा शेर आहे. अपने कानों में पहन ले मेरे दिल की धड़कन मैं तिरे वास्ते लाया हूँ ले झुमका दिल का -दिलीप बिरुटे वाह! शेर मे वजन हैं… 31 Aug 2021 - 11:28 pm | टर्मीनेटर वाह! शेर मे वजन हैं… दौर काग़ज़ी था- 1 Sep 2021 - 2:53 pm | रागो दौर काग़ज़ी था- देर तक ख़तों में जज़्बात महफ़ूज़ रहते थे, मशीनी दौर है- ऊँगली से मिटा दी जाती हैं उम्र भर की यादें वाह! 1 Sep 2021 - 3:23 pm | टर्मीनेटर वाह! अर्ज है. 10 Feb 2023 - 11:00 pm | प्रा.डॉ.दिलीप बिरुटे याद करोगे तो याद रहोगे, क्योंकि हमारी भी याददाश्त बहुत कम है. -दिलीप बिरुटे धन्यवाद, धागा उपसून काढल्या बद्दल... 11 Feb 2023 - 7:02 am | कर्नलतपस्वी यहाॅ हर मर्ज की दवा है और हर उदासी का सबब किसम किसम के बंदे है कहते है, मिपा ऐसी जगह है जहाॅ मुर्दे भी जींदा होते है -लखनपुरीया बाकी के बादमे..... मिपा ऐसी जगह है 16 Feb 2023 - 12:30 am | टर्मीनेटर मिपा ऐसी जगह है जहाॅ मुर्दे भी जींदा होते है जिंदगी जिते हैं 'जिंदादिल'... 'मुर्दादिल' क्या खांक जिया करते हैं... (- टर्मीनेटर मिपावाला) शायरी सुरु ठेवा. 12 Feb 2023 - 9:10 am | प्रा.डॉ.दिलीप बिरुटे मस्तय टीपी धागा. -दिलीप बिरुटे मैं तो ग़ज़ल सुना के अकेला खड़ा रहा... 16 Feb 2023 - 12:24 am | टर्मीनेटर मैं तो ग़ज़ल सुना के अकेला खड़ा रहा... सब अपने अपने चाहने वालों में खो गए... -कृष्ण बिहारी नूर मस्तय. 16 Feb 2023 - 9:33 am | प्रा.डॉ.दिलीप बिरुटे और भी आने दो...! -दिलीप बिरुटे वाह!! 16 Feb 2023 - 7:18 am | तुषार काळभोर धागा चालू राहायला पाहिजे.. आदरणीय गुलजार: मुझको इतने से काम पे रख लो... जब भी सीने पे झूलता लॉकेट उल्टा हो जाए तो मैं हाथों से सीधा करता रहूँ उसको मुझको इतने से काम पे रख लो... जब भी आवेज़ा उलझे बालों में मुस्कुराके बस इतना सा कह दो आह चुभता है ये अलग कर दो मुझको इतने से काम पे रख लो.... जब ग़रारे में पाँव फँस जाए या दुपट्टा किवाड़ में अटके एक नज़र देख लो तो काफ़ी है मुझको इतने से काम पे रख लो... मंजर 16 Feb 2023 - 9:24 am | कर्नलतपस्वी मेरी आँखों ने वो मंज़र भी देखा है हमदर्दों को ही बेरहम होते देखा है ।। महफ़िलो में जिनको रहम दिल देखा है अंधेरो में उनको ही खंज़र चलाते देखा है ।। आंसु निकल आयें तो खुद पोछ 25 Feb 2023 - 5:08 pm | प्रसाद गोडबोले आंसु निकल आयें तो खुद पोछ लेना | लोग पोछने आयेंगे तो सौदा करेंगे | मुर्दो के शहरमें,शमशान का पता 25 Feb 2023 - 6:53 pm | कर्नलतपस्वी मुर्दो के शहरमें,शमशान का पता बतायें कौन? ठंडी,चलती फिरती लाशोंको जगाये कौन? सब अपने अपने गठ्ठर ढो रहे है, मेरे गठ्ठर को हात लगाये कौन? ll एक और.... फाग का महिना है, तपिश बढ रही है गला सुख रहा है,पानी तो पिला दे ए साकी समय नही हुआ,अब भी होरी को चंद दिन बाकी है ll -लखनपुरीया first previous 1 2
प्रतिक्रिया
22 Mar 2020 - 6:28 pm | प्रा.डॉ.दिलीप बिरुटे
शहर गुम-सुम रास्ते सुनसान घर ख़ामोश हैं
क्या बला उतरी है क्यूँ दीवार-ओ-दर ख़ामोश हैं
-दिलीप बिरुटे
22 Mar 2020 - 8:41 pm | चौथा कोनाडा
वाह, बढीया !
आज अक्षरशः यातला शब्दनशब्द अनुभवला !
23 Mar 2020 - 1:56 am | सुबोध खरे
शायर बन न पाये हम
की मुहोब्बत मे दिल न टूटा हमारा!
एक कसक सी रह गयी दिल मे
जिनसे की मुहोब्बत
शादी उन्हीसे हो गई!
23 Mar 2020 - 1:56 am | सुबोध खरे
शायर बन न पाये हम
की मुहोब्बत मे दिल न टूटा हमारा!
एक कसक सी रह गयी दिल मे
जिनसे की मुहोब्बत
शादी उन्हीसे हो गई!
23 Mar 2020 - 2:00 am | सुबोध खरे
उडा देती है नींदे
कुछ जिम्मेदारीयां घर की...
रात में जागनेवाला
हर शख्स आशिक
नहीं होता!
23 Mar 2020 - 8:23 am | प्रा.डॉ.दिलीप बिरुटे
डॉक्टर साहेब, स्वागत. येऊ द्या अजुन.
-दिलीप बिरुटे
23 Mar 2020 - 1:06 pm | चौथा कोनाडा
वाह, मस्तच !
23 Mar 2020 - 4:56 pm | सूक्ष्मजीव
ले चला जान मेरी रूठ के जाना तेरा
ऐसे आने से तो बेहतर था न आना तेरा...........
31 Aug 2021 - 10:28 pm | प्रा.डॉ.दिलीप बिरुटे
मुझे मालूम नहीं मेरी आखों को तलाश किसकी है,
तुझे देखता हूँ तो मंजिल का एहसास होता है।
- दिलीप बिरुटे
31 Aug 2021 - 10:48 pm | टर्मीनेटर
क्या बात… क्या बात…
31 Aug 2021 - 10:50 pm | टर्मीनेटर
अभी वक्त है कुछ तो लिखो गालिब….
वरना नाम के आगेसे ‘मिर्झा’ हट जाएगा…
- टर्मीनेटर
31 Aug 2021 - 11:16 pm | प्रा.डॉ.दिलीप बिरुटे
मस्त होता.
अर्ज है...लकी फारुकी हसरतचा शेर आहे.
अपने कानों में पहन ले मेरे दिल की धड़कन
मैं तिरे वास्ते लाया हूँ ले झुमका दिल का
-दिलीप बिरुटे
31 Aug 2021 - 11:28 pm | टर्मीनेटर
वाह! शेर मे वजन हैं…
1 Sep 2021 - 2:53 pm | रागो
दौर काग़ज़ी था- देर तक ख़तों में जज़्बात महफ़ूज़ रहते थे,
मशीनी दौर है- ऊँगली से मिटा दी जाती हैं उम्र भर की यादें
1 Sep 2021 - 3:23 pm | टर्मीनेटर
वाह!
10 Feb 2023 - 11:00 pm | प्रा.डॉ.दिलीप बिरुटे
याद करोगे तो याद रहोगे,
क्योंकि हमारी भी याददाश्त बहुत कम है.
-दिलीप बिरुटे
11 Feb 2023 - 7:02 am | कर्नलतपस्वी
यहाॅ हर मर्ज की दवा है
और हर उदासी का सबब
किसम किसम के बंदे है
कहते है,
मिपा ऐसी जगह है
जहाॅ मुर्दे भी जींदा होते है
-लखनपुरीया
बाकी के बादमे.....
16 Feb 2023 - 12:30 am | टर्मीनेटर
जिंदगी जिते हैं 'जिंदादिल'...
'मुर्दादिल' क्या खांक जिया करते हैं...
(- टर्मीनेटर मिपावाला)
12 Feb 2023 - 9:10 am | प्रा.डॉ.दिलीप बिरुटे
मस्तय टीपी धागा.
-दिलीप बिरुटे
16 Feb 2023 - 12:24 am | टर्मीनेटर
मैं तो ग़ज़ल सुना के अकेला खड़ा रहा...
सब अपने अपने चाहने वालों में खो गए...
-कृष्ण बिहारी नूर
16 Feb 2023 - 9:33 am | प्रा.डॉ.दिलीप बिरुटे
और भी आने दो...!
-दिलीप बिरुटे
16 Feb 2023 - 7:18 am | तुषार काळभोर
धागा चालू राहायला पाहिजे..
आदरणीय गुलजार:
मुझको इतने से काम पे रख लो...
जब भी सीने पे झूलता लॉकेट
उल्टा हो जाए तो मैं हाथों से
सीधा करता रहूँ उसको
मुझको इतने से काम पे रख लो...
जब भी आवेज़ा उलझे बालों में
मुस्कुराके बस इतना सा कह दो
आह चुभता है ये अलग कर दो
मुझको इतने से काम पे रख लो....
जब ग़रारे में पाँव फँस जाए
या दुपट्टा किवाड़ में अटके
एक नज़र देख लो तो काफ़ी है
मुझको इतने से काम पे रख लो...
16 Feb 2023 - 9:24 am | कर्नलतपस्वी
मेरी आँखों ने वो मंज़र भी देखा है
हमदर्दों को ही बेरहम होते देखा है ।।
महफ़िलो में जिनको रहम दिल देखा है
अंधेरो में उनको ही खंज़र चलाते देखा है ।।
25 Feb 2023 - 5:08 pm | प्रसाद गोडबोले
आंसु निकल आयें तो खुद पोछ लेना |
लोग पोछने आयेंगे तो सौदा करेंगे |
25 Feb 2023 - 6:53 pm | कर्नलतपस्वी
मुर्दो के शहरमें,शमशान का पता बतायें कौन?
ठंडी,चलती फिरती लाशोंको जगाये कौन?
सब अपने अपने गठ्ठर ढो रहे है,
मेरे गठ्ठर को हात लगाये कौन? ll
एक और....
फाग का महिना है, तपिश बढ रही है
गला सुख रहा है,पानी तो पिला दे ए साकी
समय नही हुआ,अब भी होरी को चंद दिन बाकी है ll
-लखनपुरीया